भोपाल:मध्य प्रदेश में 2023 में होने जा रहे विधानसभा चुनावों को लेकर भाजपा पूरी तरह से सक्रिय है। 2018 में हुई गलतियों पर फोकस करते हुए इस बार कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहती है। मिशन 2023 के लिए एक बार फिर भाजपा सोशल मीडिया पर कुछ ज्यादा ही विश्वास जता रही है।
यहीं वजह है कि आलाकमान की तरफ से एक फरमान जारी कर फेसबुक और ट्वीटर पर फॉलोअर की संख्या बढ़ाने की शुरुआत करने को कहा है।फिलहाल ये बात जिलाध्यक्षों से की जा रही है। जानकारी मिली है कि ये फरमान बाद में मंत्रियों पर लागू की जाएगी।
इस रणनीति के मुताबिक सोशल मीडिया पर फॉलोअर्स की संख्या से ही जिलाध्यक्षों की काबलियत तय हो सकेगी। भाजपा के प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव ने बताया है कि जिस जिलाध्यक्ष के फेसबुक एकाउंट पर पर एक लाख और ट्वीटर पर दस हजार फॉलोअर नहीं हैं, वह पद पर रहने लायक नहीं हैं।
दरअसल आलाकमान के एक तुगलकी फरमान जारी किया है जिससे पार्टी जिलाध्यक्षों और मंत्रियों की परेशानी बढ़ा दी है। बताया जा रहा है कि फिलहाल आलाकमान का यह फरमान अभी केवल जिलाध्यक्षों तक ही सीमित है। इस फरमान के मुताबिक अब भाजपा के जिलाध्यक्षों को फेसबुक पर एक लाख, जबकि ट्वीटर पर दस हजार फॉलोअर होना जरूरी है। और यदि जिलाध्यक्षों ने आलाकमान का फरमान नहीं माना तो उनकी पदों से छुट्टी भी हो सकती है।
इस फरमान ने उन जिलाध्यक्षों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं, जो सोशल मीडिया में ज्यादा रूचि नहीं रखते। भाजपा के संगठन ने साफ कर दिया है कि जो जिलाध्यक्ष सोशल मीडिया पर एक्टिव नहीं रहेगा उसकी पदों से छुट्टी कर दी जाएगी।ऐसे देखा जाए तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ही फेसबुक पर ज्यादा एक्टिव हैं।
और अब प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव के इस फरमान ने प्रदेश के कई भाजपा जिलाध्यक्षों की नींद ही उडा दी हैं क्योंकि कई जिलाध्यक्षों ने सोशल मीडिया से ही दूरी बना रखी हैं और आज भी वे अपनी पुरानी ही नीतियों पर चल रहे हैं।