नई दिल्ली:भारत में टैक्स चोरी के आरोपों का सामना कर रही कई चीनी कंपनियों पर बड़ी संख्या में भारतीयों का डेटा चुराकर चीन की पार्टी से साझा करने का आरोप लगा है। इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक कई चीनी कंपनियां चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के लिए भारत में डाटा की जासूसी कर रही है। रिपोर्ट के अनुसार, कई चीनी कंपनियां प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सीसीपी के वरिष्ठ सदस्यों के प्रभाव में है।
कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के तहत रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) ने सट्टेबाजी और डेटिंग ऐप्स से जुड़े चीनी कंपनियों के डाटा जासूसी में शामिल होने की रिपोर्ट की जांच के लिए कमेटी बिठाई है। रिपोर्ट के मुताबिक चीनी कंपनियों ने भारतीय नागरिकों के व्यक्तिगत डेटा का दोहन करने के लिए भारत के बढ़ते डिजिटल क्षेत्र का फायदा उठाया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसे कई लोन ऐप हैं जो आसान पैसे देने वादा करते हैं और फिर लोन लेने वालों पर ब्याज का भारी बोझ डाल देते हैं।
चीनी स्वामित्व से जुड़ी 40 गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लाइसेंस रद्द किए जा सकते हैं। ऐसी ही एक चीनी ऐप Shopee ने मार्च में शिकायतें मिलने के बाद अचानक से काम करना बंद कर दिया था। भारत सरकार कुछ चीनी कंपनियों की जांच कर रही है जो आयात-निर्यात का उल्लंघन कर रही हैं। कहा जा रहा है कि चीनी कंपनियां जीएसटी से संबंधित हेरफेर कर रही है।
गौरतलब है कि मार्च में इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक टेलीकॉम, हायर एजुकेशन और स्मॉल फाइनेंस जैसे क्षेत्रों में चीनी संस्थाओं द्वारा सीधे या प्रॉक्सी तरीके से अवैध गतिविधियों के कई मामलों सामने आए हैं। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि एक दर्जन से अधिक चीनी ऐप लोन देने के नाम पर युवाओं को ठग रहा है। ये सभी ऋण ऐप भारतीय एजेंसियों के रडार पर हैं।