डेस्क:बेटियों के लिए लोकप्रिय सरकारी योजना- सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवाई) के नियमों में बड़ा बदलाव है। बीते दिनों 1 अक्टूबर 2024 से प्रभावी इन नियमों का मकसद खाता खोलने में विसंगतियों को सुधारना है। इनमें एक अहम अपडेट दादा-दादी द्वारा खोले गए सुकन्या समृद्धि खातों से संबंधित है।
क्या है नए नियम
नए नियमों के तहत, जो खाते कानूनी अभिभावकों या प्राकृतिक माता-पिता द्वारा नहीं खोले गए थे, उन्हें अब योजना के मूल दिशानिर्देशों का पालन करने के लिए संरक्षकता के अनिवार्य ट्रांसफर से गुजरना होगा। बता दें कि पहले दादा-दादी के लिए वित्तीय सुरक्षा के संकेत के रूप में अपनी पोतियों के लिए सुकन्या अकाउंट खोलना आम बात थी। हालांकि, योजना यह अनिवार्य करती है कि केवल कानूनी अभिभावक या प्राकृतिक माता-पिता ही इन अकाउंट्स को खोल और प्रबंधित कर सकते हैं। नए नियम के तहत दो से ज्यादा अकाउंट होता है तो अतिरिक्त अकाउंट को बंद कर दिया जाएगा।
योजना के बारे में
बता दें कि सुकन्या समृद्धि एक सरकार समर्थित बचत योजना है। इस योजना को भारत सरकार के बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत शुरू किया गया है। इस योजना की ब्याज दर 8.20% है। यह खाता 10 वर्ष से कम आयु की लड़की के नाम पर खोला जा सकता है।
योजना के बारे में
बता दें कि सुकन्या समृद्धि एक सरकार समर्थित बचत योजना है। इस योजना को भारत सरकार के बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत शुरू किया गया है। इस योजना की ब्याज दर 8.20% है। यह खाता 10 वर्ष से कम आयु की लड़की के नाम पर खोला जा सकता है।
खाता खोलने के लिए जरूरी दस्तावेज
अभिभावक की पहचान और पते के प्रमाण के साथ लड़की का जन्म प्रमाण पत्र अनिवार्य है। इसके अलावा अभिभावक का पैन अनिवार्य है। वहीं, नॉमिनेशन को भी अनिवार्य किया गया है। नॉमिनेशन एक या अधिक व्यक्तियों के लिए किया जा सकता है लेकिन चार व्यक्तियों से अधिक नहीं हो सकता है। बता दें कि सुकन्या खाता 250 रुपये की न्यूनतम राशि के साथ खोला जा सकता है। इस खाते में अधिकतम योगदान प्रति वित्तीय वर्ष 1,50,000 रुपये है। खाता खोलने की तारीख से 15 साल पूरे होने तक खाते में जमा किया जाएगा। इसके अलावा, खाता खोलने की तारीख से 21 साल की अवधि पूरी होने पर मैच्योर होगा।