डेस्क:सयुंक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट (SC) द्वारा गठित उच्च स्तरीय समिति की 3 जनवरी को प्रस्तावित बैठक में शामिल होने से असमर्थता जताई है। एसकेएम ने एक बयान जारी कर कहा, “सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित उच्च स्तरीय समिति ने 3 जनवरी को पंचकूला में आयोजित बैठक में शामिल होने के लिए एसकेएम को आमंत्रित किया है, लेकिन एसकेएम इस बैठक में भाग नहीं लेगा।”
शंभु और खनौरी सीमा पर किसानों का धरना जारी
यह समिति पंजाब और हरियाणा के शंभु और खनौरी सीमा पर किसानों के प्रदर्शन के मद्देनजर गठित की गई थी। हालांकि, एसकेएम ने स्पष्ट किया है कि वह इस आंदोलन का हिस्सा नहीं है। गौरतलब है कि सयुंक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के बैनर तले किसान पिछले साल 13 फरवरी से शंभु और खनौरी सीमा पर डटे हुए हैं।
एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग
वरिष्ठ किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल 26 नवंबर से खनौरी सीमा पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं। उनकी मांगों में फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी शामिल है।
सुप्रीम कोर्ट की भूमिका पर एसकेएम का विरोध
एसकेएम ने अपने बयान में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 2 सितंबर 2024 के आदेश में किसानों को राजनीतिक दलों और राजनीतिक मुद्दों से दूर रहने की सलाह दी थी। कोर्ट ने यह भी कहा था कि किसानों के मुद्दों को चरणबद्ध तरीके से हल किया जाएगा। हालांकि, एसकेएम ने अदालत के हस्तक्षेप को अस्वीकार करते हुए कहा कि “किसान केंद्र सरकार से नीतिगत मुद्दों पर लड़ रहे हैं। ऐसे में अदालत की कोई भूमिका नहीं होनी चाहिए।”
महापंचायत और आगे की रणनीति
एसकेएम के वरिष्ठ नेता हरिंदर सिंह लखोवाल ने बताया कि मंगलवार को एसकेएम की बैठक में निर्णय लिया गया कि वह कोर्ट द्वारा गठित समिति की बैठक में शामिल नहीं होगा। उन्होंने कहा, “सुप्रीम कोर्ट को केंद्र सरकार को निर्देश देना चाहिए कि वह प्रदर्शनकारी किसानों से बातचीत करे और गतिरोध समाप्त करे।” एसकेएम 9 जनवरी को पंजाब के मोगा में “किसान महापंचायत” का आयोजन करेगा। इस महापंचायत में डल्लेवाल की भूख हड़ताल और अन्य किसानों के मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इसके अलावा, एसकेएम 24-25 जनवरी को दिल्ली में बैठक करेगा।