मुंबई: अनंत श्री विभूषित महामंडलेश्वर स्वामी चिदम्बरानन्द सरस्वती जी महाराज, श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी व अध्यक्ष, अखिल भारतीय संत समिति के सानिध्य में शिव महापुराण कथा एवं महारुद्राभिषेक का आयोजन 19-25 अगस्त 2022 से श्री कैलाश धाम, शिलाराम मंगलम, तलेगांव रोड, आर्वी, वर्धा, महाराष्ट्र में किया जा रहा है ।
स्वामी चिदम्बरानन्द महाराज ने इस अवसर पर बताया कि सन्यासी शिव स्वरूप होता है और आत्मरूप से हम सभी शिव है। शिवोह्म का अर्थ हम सब शिव है। शिव का अर्थ है कल्याण स्वरूप आत्मा। शिव सब के अंदर विराजमान है किन्तु उसे देखने की दृष्टी संत देते हैं। संत ही हमारे नेत्रों को खोलकर हमारी आत्मा में परमात्मा के दर्शन कराते हैं। भगवान शंकर के तीन नेत्र है वैसे ही हमारे भी तीन नेत्र है। हमारे तीसरे नेत्र को संत खोलते है। संत कृपा से हमारी तीसरी आंख खुलेगी तब संसार का वास्तविक तत्व दिखाई देने लगेगा।
निमन्त्रक गोयल परिवार के सभी सदस्यों ने देश भर से लोगों को स्वामी चिदम्बरानन्द के पावन मुखारविंद से श्रवण करने के पुण्यमय प्रसंग में सपरिवार शामिल होने की अपील की।
कार्यक्रम से जुड़े पदाधिकारी ने अपने वक्तव्य में कहा कि शैव परंपरा के तहत भगवान शिव की महिमा और उनकी पावन कथाओं वाले शिव महापुराण का पाठ करने से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस पावन शिव महापुराण कथा के दौरान 24,000 श्लोकों का पाठ किया जाता है जिसके पूरा होने पर सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जाओं से मुक्ति और सकारात्मक ऊर्जा, साहस, बुद्धि, मानसिक शांति, स्वास्थ्य, धन तथा सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती हैं।