-सिटीलाइट को पावन बना पुनः भगवान महावीर युनिवर्सिटी में महावीर के प्रतिनिधि का पदार्पण
-चतुर्विध धर्मसंघ ने अपने आराध्य की अभिवंदना में दी प्रस्तुतियां
-निर्मल रहे संयम की साधना : युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमण
-वर्ष 2024 का मर्यादा महोत्सव वाशी, नवी मुम्बई में
वेसु, सूरत (गुजरात) : जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के ग्यारहवें अनुशास्ता, अखण्ड परिव्राजक, युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी का 50वां दीक्षा कल्याण महोत्सव वर्ष का शुभारम्भ सिल्कसिटी सूरत में भव्य रूप में समायोजित हुआ। भगवान महावीर युनिवर्सिटी में आयोजित इस महोत्सव में चतुर्विध धर्मसंघ ने अपने आराध्य की वर्धापना में अपनी-अपनी प्रस्तुतियां दीं तो वहीं इस दिवस को तेरापंथ के युवाओं में युवा दिवस के रूप में भी मनाया गया। इस संदर्भ में तेरापंथ के युवाओं ने विभिन्न माध्यमों से अपने आराध्य की अभ्यर्थना की। इस महोत्सव के भव्य आयोजन को हजारों लोगों ने प्रत्यक्ष रूप से तो हजारों-हजारों लोगों ने पारस चैनल, युट्यूब के तेरापंथ चैनल आदि माध्यमों से जुड़े रहे।
वैशाख शुक्ला चतुर्दशी, वि.सं. 2080, दिन गुरुवार। वैशाख शुक्ला चतुर्दशी वर्तमान समय में तेरापंथ धर्मसंघ के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण तिथि है। क्योंकि आज के ही दिन तेरापंथ धर्मसंघ के वर्तमान अनुशास्ता, अहिंसा यात्रा प्रणेता, युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी का दीक्षा दिवस है। सूरत में विहार-प्रवास कर रहे अनुशास्ता के दीक्षा के 50वें वर्ष के शुभारम्भ का अवसर सिल्कसिटी प्राप्त कर आह्लादित थी। इसके लिए सूरतवासी ही नहीं, देशभर से श्रद्धालु अपने आराध्य की मंगल सन्निधि में पहुंचे हुए थे। गुरुवार को प्रातःकाल की मंगल बेला में तेरापंथ धर्मसंघ के अधिशास्ता आचार्यश्री महाश्रमणजी ने सिटीलाइट तेरापंथ भवन से भगवान महावीर युनिवर्सिटी के लिए मंगल प्रस्थान किया। मार्ग में कितने ही लोगों को अपने दर्शन और अशीर्वाद से लाभान्वित करते हुए आचार्यश्री एकबार पुनः भगवान महावीर युनिवर्सिटी के परिसर में स्थित भगवान महावीर कान्सेप्ट स्कूल में पधारे।
महावीर समवसरण में आयोजित 50वें दीक्षा कल्याण महोत्सव वर्ष के शुभारम्भ कार्यक्रम का समायोजन हुआ। आचार्यश्री से मंगल महामंत्रोच्चार से कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ। तेरापंथ श्रावक समाज-सूरत ने गीत का संगान किया। आचार्यश्री महाश्रमण प्रवास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष श्री संजय सुराणा, अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री पंकज डागा, भगवान महावीर युनिवर्सिटी के चांसलर श्री संजय जैन, जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा के अध्यक्ष श्री मनसुखलाल सेठिया, आचार्यश्री के संसारपक्षीय भाई श्री सूरजकरण दुगड़ व श्री श्रीचंद दुगड़ ने अपनी-अपनी आस्थासिक्त अभिव्यक्ति दी। तेरापंथ युवक परिषद-सूरत ने गीत का संगान किया। अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के महामंत्री श्री पवन माण्डोत आदि ने परिसंवाद प्रस्तुत किया।
साध्वीवृंद व समणीवृंद ने पृथक्-पृथक् गीत का संगान किया। तदुपरान्त साध्वी समूह द्वारा भी भावपूर्ण प्रस्तुति के माध्यम से आचार्यश्री की अभ्यर्थना की गई। मुनि योगेशकुमारजी, मुनि कुमारश्रमणजी व मुनिश्री उदितकुमारजी ने अपने हृदयोद्गार व्यक्त किए। मुख्यमुनि महावीरकुमारजी तथा संतवृंद ने मुख्यमुनिश्री द्वारा रचित गीत का संगान किया। साध्वीप्रमुखाजी, मुख्यमुनिश्री व साध्वीवर्याजी ने अपने आराध्य के गुणों का बखान करते हुए आचार्यश्री के 50वें दीक्षा कल्याण महोत्सव पर अपनी मंगलकामनाएं समर्पित कीं।
युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी उपस्थित जनमेदिनी को पावन प्रतिबोध प्रदान करते हुए कहा कि अनंत काल की जीव यात्रा में वह समय महत्त्वपूर्ण होता है, उसे सम्यकत्व की प्राप्ति होती है। आज वैशाख शुक्ला चतुर्दशी मेरा दीक्षा दिवस है। दीक्षा दिवस का होना तो सामान्य बात है। सभी चारित्रात्माओं का अपना-अपना दीक्षा दिवस होता है। आज संयम पर्याय के 49 वर्ष पूर्ण हुआ है। दीक्षा में संसारपक्षीय परिजनों का भी सहयोग होता है। मेरी संसारपक्षीय मां मुझे संतों के पास ले जाती थीं और इसका प्रभाव हुआ कि मेरे भीतर भी वैराग्य भाव जागृत हुआ। गुरुदेव तुलसी ने दीक्षा का आदेश दिया और मंत्री मुनिश्री सुमेरमलजी स्वामी (लाडनूं) द्वारा मेरी और मुनिश्री उदितकुमारजी स्वामी की दीक्षा हुई। आज पचासवें वर्ष में प्रवेश हुआ है। जीवन में कितनों से प्रेरणा और प्रशिक्षण प्राप्त हुआ। मूल बात है हमारे तेरह नियम सुरक्षित और संरक्षित रहें, इसका प्रयास करना चाहिए। संयम की साधना निर्मल रहे। संयम रत्न बना रहे। इस वर्ष में मुमुक्षुओं की संख्यावृद्धि हो, इसका प्रयास हो। आज साध्वीप्रमुखा विश्रुतविभाजी का मनोनयन दिवस भी है। वे भी धर्मसंघ की खूब अच्छी सेवा करती रहें।
आचार्यश्री ने आगे कहा कि अब सूरत के बाद मुम्बई की ओर विहार करना है। वर्ष 2024 का मर्यादा महोत्सव भी बृहत्तर मुम्बई को कहा गया है तो आज मैं उसके क्षेत्र बता देना चाहता हूं कि वर्ष 2024 का मर्यादा महोत्सव वाशी-नवी मुम्बई में करने का भाव है। आचार्यश्री की इस घोषणा से पूरा प्रवचन पण्डाल जयकारों से गूंज उठा। मुम्बईवासियों ने अपने आराध्य के प्रति प्रणति अर्पित की।
आचार्यश्री ने उपस्थित युवाओं को उत्प्रेरित करते हुए कहा कि युवकों में त्याग-संयम की चेतना का विकास होता रहे। युवा धार्मिक-आध्यात्मिक उन्नति करते रहें। इस दौरान अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद द्वारा युवादृष्टि का विशेषांक पूज्यचरणों में लोकार्पित किया गया। जैन विश्व भारती द्वारा 31 आगमों का भी लोकार्पण किया गया। प्रेक्षाध्यान द्वारा भी अपनी कृति पूज्यचरणों में अर्पित की गई है।
आचार्यश्री के दीक्षा कल्याण महोत्सव के संदर्भ में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने बधाई संदेश प्रेषित किया। जिसका वाचन मुख्यमुनिश्री महावीरकुमारजी ने किया। कार्यक्रम के अंत में व्यवस्थाओं के परिवर्तन की प्रतीक स्वरूप ध्वज हस्तांतरण का भी कार्यक्रम रहा। इस संदर्भ में प्रवास व्यवस्था समिति-सूरत के महामंत्री श्री नानालाल राठौड़ ने अपनी अभिव्यक्ति दी। वहीं चतुर्मास प्रवास व्यवस्था समिति-मुम्बई के अध्यक्ष श्री मदन तातेड़ ने अपनी अभिव्यक्ति दी। सूरत व्यवस्था समिति द्वारा जैन ध्वज मुम्बई प्रवास व्यवस्था समिति को हस्तांतरित किया गया। इस संदर्भ में आचार्यश्री ने मंगलपाठ सुनाया।