जयपुर:राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को बहुत बड़ा झटका लगा है। 11 बजे तक के रुझानों के मुताबिक तीनों ही राज्यों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जीत हासिल करने जा रही है। हार करीब देखकर कांग्रेस पार्टी में ‘हाहाकार’ की शुरुआत हो गई है। अपने ही नेता अब सवाल उठाने लगे हैं। कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा है कि यह सनातन के विरोध का नतीजा है।
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने न्यूज-18 से बातचीत के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा, सफाया हो गया है या नहीं यह तो कहना जल्दबाजी है। लेकिन जिधर गाड़ी रवाना हो गई है वहां अधेरा ही अंधेरा है। कांग्रेस पार्टी जो महात्मा गांधी के रास्ते पर चलती थी, उस पार्टी को मार्क्स के रास्ते पर ले जाने की कोशिश की गई उसका यह परिणाम है। सनातन का विरोध, सनातन का विरोध करके भारत में राजनीति नहीं हो सकती है। जो लोग सनातन को मिटाने की घोषणा कर रहे हैं, कांग्रेस उसके साथ खड़ी है। यह तो महात्मा गांधी के रास्ते पर चलने वाली पार्टी नहीं कही जाएगी। महात्मा गांधी असली सेक्युलर थे।’
‘कुछ लोग राम विरोधी’
आचार्य प्रमोद कृष्णम से जब पूछा गया कि 2018 में उन्हें पार्टी ने स्टार प्रचारक बनाया था तो तीनों राज्यों में कांग्रेस ने सरकार बनाई थी, लेकिन इस बार उन्हें प्रचारक नहीं बनाया गया, इस पर उन्होंने कहा, ‘पहली बार कांग्रेस ने किसी हिंदू संत को स्टार प्रचारक बनाया था, कोई मजबूरी रही होगी कांग्रेस के रणनीतिकारों की कि उन्हें इस बार नहीं बनाया गया। कांग्रेस में कुछ खास किस्म के लोग हैं जो चाहते हैं कि राम का नाम ना लिया जाए। सनातन की बात ना की जाए। सनातन को जो गाली देता है वह सबसे बड़ा नेता बना दिया जाता है।’
‘राहुल गांधी को दोष नहीं’
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि राहुल गांधी ने मेहनत की, लेकिन जनता ने आशीर्वाद नहीं दिया। उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी जी जो कर सकते थे किया। भारत जोड़ो यात्रा में वह हजारों किलोमीटर पैदल चले। राहुल गांधी को दोष देना ठीक नहीं है। इंसान परिश्रम कर सकता है, फल देना भगवान का काम है। लोकतंत्र में जनता ही भगवान होती है। यदि जनता हमारी प्रार्थना या राहुल गांधी की सेवा को स्वीकार नहीं किया तो उन्हें दोष देना ठीक नहीं है।’
पीएम के अपमान से भी नुकसान
चुनावी नतीजे से खुद को दुखी बताते हुए आचार्य ने कहा, ‘हमें उम्मीद है। यह अलग बात है कि मैं हर हफ्ते कह रहा था कि सनातन का विरोध मत करो। मैं कह रहा था कि आप भाजपा से लड़ो, लेकिन भगवान राम से मत लड़ो। मैं यह भी कहता था कि प्रधानमंत्री भारत का होता है, सिर्फ भाजपा का नहीं होता है। प्रधानमंत्री का अपमान मत करो। प्रधानमंत्री का सम्मान करो। जनता पीएम का अपमान बर्दाश्त नहीं करती है, चाहे कोई भी पीएम हो। कांग्रेस में कुछ ऐसे नेता हैं जो हिंदुत्व से चिढ़ते हैं और इसे कमजोर करने के लिए जातिवादी राजनीति को बढ़ावा दिया।’