फतेहपुर : नगर मुख्यालय क्षेत्र के मसवानी मोहल्ले के एक युवक ने चचेरी बहन को सात टुकड़ों में काट डाला था और फिर बोरी में शव को भरकर पुलिया के नीचे फेंक आया था। हत्या के इस मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायालय कोर्ट नंबर एक में हुई। जिसमें दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। विभिन्न धाराओं में दोषी पर न्यायालय ने 32 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया।
यह घटना नगर के मसवानी मोहल्ले की 29 अगस्त 2011 की दोपहर 12.30 बजे की है। युवती फरहत फात्मा उर्फ जीनत अपने घर से साइकिल से दवा लेने के लिए निकली थी। इसके बाद घर वापस न आने पर पिता कमरुल हुदा समेत अन्य स्वजन ने खोजबीन की। लगभग एक सप्ताह तक पुत्री का कहीं पता नहीं लगा। इस पर 8 सितंबर 2011 को मृतका के पिता ने इरफान अहमद उर्फ गुड्डू पुत्र कशफुल हुदा के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने तत्काल दोषी को गिरफ्तार कर पूछताछ की।
अपर सत्र न्यायालय कोर्ट नंबर एक के न्यायाधीश अखिलेश कुमार पांडेय ने मामले की अंतिम सुनवाई की और दोषी इरफान अहमद उर्फ गुड्डू को आजीवन कारावास की सजा सुना दी। साथ ही विभिन्न धाराओं में 32 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया। अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक शासकीय अधिवक्ता रहस बिहारी श्रीवास्तव व शफीकुल गफ्फार खां एडवोकेट ने दोषी के खिलाफ सबूत रखते हुए दलीलें दी।
चचेरी बहन को सात टुकड़ों में काटने वाला दोषी युवक एकतरफा प्यार करता था। जबकि युवती बार-बार इंकार करती थी। जब वह अपने प्रयास में सफल न हो पाया तो उसने उसे जान से मार डाला।
11 वर्ष बाद मिला न्याय तो छलके आंसू
न्याय में देर है लेकिन अंधेर नहीं। शुक्रवार को अदालत के आदेश पर जैसे ही दोषी को उम्र कैद की सजा हुई। मृतका जीनत क पिता समेत अन्य स्वजन अदालत में ही मौजूद थे। जैसे ही कोर्ट का आदेश हुआ और उन्हें जानकारी हुई तो उनकी आंखें भर आईं। पिता कमरुल हुदा ने न्यायालय के आदेश पर संतोष जताया। पिता ने कहा कि बेटी तो चली गई, चलो दोषी को उसके कर्मों का फल तो मिल गया।