कोलकाता:पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में दो साल पहले एक नाबालिग लड़की से बलात्कार किया गया था। रेपिस्टों ने बलात्कार करने का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया। अब इस वीडियो की वजह से रेपिस्टों की पहचान हो पाई है। इस मामले में चार लोगों का गिरफ्तार किया गया था। बुधवार को जिला अदालत ने नाबालिग को इंसाफ देते हुए चार आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है। मुकदमे में सरकारी वकील विभास चटर्जी ने इस बारे में बताया। उन्होंने जिक्र किया की वीडियो के चलते आरोपियों के खिलाफ सबूत तैयार करने में मदद मिली और अदालत अपने फैसले पर पहुंच पाई।
मुर्शिदाबाद के लालबाग सब डिविजनल कोर्ट की न्यायाधीश दीप्ता घोष ने दोषियों बासुदेब मंडल, मिथुन दास, आकाश मंडल और अरुण मंडल पर प्रत्येक पर 2 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। पुरुषों को यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम, भारतीय दंड संहिता और आईटी एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया था। यह मुकदमा 120 दिनों तक चला, जिसके बाद नाबालिग को अदालत से इंसाफ मिली।
सरकार देगी पीड़िता को मुआवजा
चटर्जी ने कहा, “अदालत ने राज्य को सामूहिक बलात्कार पीड़िता को 4 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया और कहा कि उसे दोषियों से वसूल की गई 8 लाख रुपये की जुर्माना राशि भी दी जाएगी।” उल्लेखनीय है कि यह सजा बंगाल के सबसे बड़े त्योहार दुर्गा पूजा शुरू होने से दो दिन पहले सुनाई गई। वहीं यह अपराध भी 2021 में त्योहार से दो दिन पहले किया गया था।
सरकारी वकील विभास चटर्जी ने कहा, “इस मामले की मुख्य विशेषता दोषियों के खिलाफ डिजिटल सबूत हैं। उन्होंने अपराध का वीडियो शूट किया और लड़की को धमकी दी कि अगर उसने घटना के बारे में किसी से बात की तो वे इसे सोशल मीडिया पर शेयर कर देंगे। उन्होंने वीडियो पब्लिक कर दिया। हालांकि, लड़की डर के कारण चुप रही।”
टैटू ने दिलाई रेपिस्टों को सजा
हिन्दुस्तान टाइम्स से आगे बातचीत में वकील विभास चटर्जी ने कहा, “वीडियो को पुणे, असम और कोलकाता में राज्य फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं को भेजा गया। वीडियो की जांच से पता चला कि दो रेपिस्टों की बांहों पर टैटू थे। वीडियो में दिख रहे टैटू संदिग्धों की गिरफ्तारी के बाद उनके शरीर पर मिले टैटू से मेल खाते हैं। वीडियो से लिए गए आवाज के नमूनों का भी मिलान किया गया।” सरकारी वकील ने इस बात पर जोर दिया कि मामले ने इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस काफी महत्वपूर्ण साबित हुए, जिससे अदालत यह फैसला सुना पाई है।