रांची:झारखंड के गवर्नर सीपी राधाकृष्णन ने गुरुवार देर रात चम्पई सोरेन को राज्य में नई सरकार बनाने का न्योता दे दिया। आज चम्पई सोरेन के साथ-साथ कांग्रेस के आलमगीर आलम और राजद के सत्यानंद भोक्ता एक सादे समारोह में शपथ लेंगे। इससे पहले गवर्नर ने गुरुवार को देर रात करीब 11 बजे चम्पई सोरेन को राजभवन बुलाया और उन्हें नई सरकार बनाने की चिट्ठी सौंपी।
गुरुवार को दिन भर झारखंड का सियासी पारा चढ़ा रहा और सियासी गलियारों में तमाम तरह की अटकलें लगाई जाती रहीं लेकिन देर रात सभी अटकलों पर अब विराम लग गया है। झामुमो सूत्रों के मुताबिक आज दोपहर में चम्पई सोरेन मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। राज्यपाल ने सोरेन को 10 दिनों के अंदर विधानसभा में बहुमत साबित करने का समय दिया है।
बुधवार को ही झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन विधायक दल का नेता चुने जाने और मुख्यमंत्री पद से हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद चम्पई सोरेन ने राज्यपाल से मिलकर 47 विधायकों के समर्थन का दावा किया था और उन्हें समर्थन पत्र सौंपा था लेकिन राज्यपाल ने उन्हें सरकार बनाने का न्योता नहीं दिया था। गुरुवार को दिन में एक बार फिर चम्पई सोरेन ने विधायकों के समर्थन की चिट्ठी के साथ गवर्नर को पत्र लिखा और सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने का अनुरोध किया। इसके बाद उन्हें शाम में 5.30 बजे के करीब पांच लोगों के साथ राजभवन बुलाया गया।
राजभवन में एक बार फिर चम्पई सोरेन और उनके साथ गए कांग्रेस के आलमगीर आलम, राजद के सत्यानंद भोक्ता, सीपीएम के बिनोद सिंह और जेवीएम अध्यक्ष प्रदीप यादव ने गवर्नर से सरकार बनाने का न्योता देने का अनुरोध किया, तब गवर्नर ने कहा कि वह कानूनी सलाह ले रहे हैं और एक-दो दिन में इस पर फैसला लेंगे। इसके बाद राजभवन से बाहर आए नेताओं ने मीडिया के सामने समर्थक विधायकों को पेश कर दिया।
इस घटनाक्रम के बाद गवर्नर सीपी राधाकृषणन ने देर रात 11 बजे चम्पई सोरेन को बुलाकर सरकार बनाने की चिट्ठी सौंप दी और उनसे शुक्रवार या शनिवार को शपथ लेने को कहा। इस पर चम्पई सोरेन ने कहा कि वह शुक्रवार को ही शपथ लेंगे।
उधर, नई सरकार के गठन में देरी के कारण गठबंधन ने भाजपा द्वारा संभावित खरीद-फरोख्त के प्रयासों को विफल करने के लिए अपने 47 विधायकों में से अधिकांश को हैदराबाद स्थानांतरित करने की योजना बना ली थी।दिन भर के सियासी घटनाक्रम में गुरुवार देर शाम गठबंधन के विधायकों को हैदराबाद भेजने की पूरी तैयारी कर ली गई थी। रांची एयरपोर्ट पर दो चार्टर्ड प्लेन तैयार थे। उनमें 40 विधायक बैठ भी गए थे लेकिन खराब मौसम की वजह से प्लेन उड़ान नहीं भर सका। बाद में सभी विधायक रात करीब 9.30 बजे सर्किट हाउस लौट आए।