सूरत:आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात दौरे पर हैं। यहां उन्होंने डायमंड सिटी गुजरात को दो बड़ी सौगात दी। पहली सौगात सूरत हवाई अड्डे की नई टर्मिनल बिल्डिंग और दूसरी दुनिया का सबसे बड़ा ऑफिस कॉम्प्लेक्स। पीएम मोदी ने सूरत पहुंच कर नई टर्मिनल बिल्डिंग का उद्घाटन करने के बाद सूरत शहर के पास खजोद गांव में बने सूरत डायमंड बोर्स (एसडीबी) भवन का उद्घाटन किया है।
इसके बाद पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, आज सूरत की भव्यता में एक और हीरा जुड़ गया। आजकल आप सभी ‘मोदी की गारंटी’ की चर्चा खूब सुनते होंगे। हाल के दिनों में जो चुनाव नतीजे आए, उसके बाद ये चर्चा और बढ़ गई है। लेकिन सूरत के लोग तो ‘मोदी की गारंटी’ को बहुत पहले से जानते हैं। यहां के परिश्रमी लोगों ने ‘मोदी की गारंटी’ को सच्चाई में बदलते देखा है और इस गारंटी का उदाहरण ये ‘सूरत डायमंड बोर्स’ भी है।
इससे पहले सूरत एयरपोर्ट की नई टर्मिनल बिल्डिंग का उद्घाटन करने के बाद सूरत डायमंड बोर्स के उद्घाटन के लिए जाने के दौरान पीएम मोदी का जोरदार स्वागत किया गया।
PM नरेंद्र मोदी को सूरत डायमंड बोर्स का मॉडल भी भेंट किया गया है. यह मॉडल पंचधातु का बना है. इसे डायमंड बिजनेसमैन जतिन काकड़िया ने तैयार किया है. फ्लोरा ज्वेल्स प्राइवेट लिमिटेड के मालिक जतिन काकड़िया ने बताया कि इस मॉडल को तैयार करने में उन्हें 7 दिन का समय लगा। पीएम मोदी के लिए बनाए गए सूरत डायमंड बोर्स के मॉडल में 14 मंजिला 9 टावर बने हुए हैं। इसके अलाव इसमें डायमंड का भी इस्तेमाल हुआ है।
बता दें, एसडीबी भवन 67 लाख वर्ग फुट से अधिक क्षेत्र वाला दुनिया का सबसे बड़ा ऑफिस कॉम्प्लेक्स है। ये ऑफिस कॉम्प्लेक्स अमेरिका के पेंटागन से भी बड़ा है।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, सूरत डायमंड बोर्स अंतरराष्ट्रीय हीरे और आभूषण कारोबार के लिए दुनिया का सबसे बड़ा और आधुनिक केंद्र होगा। यह कच्चे और पॉलिश किए गए हीरों के साथ-साथ आभूषणों के व्यापार का एक वैश्विक केंद्र होगा। बयान में बताया गया है कि इसमें आयात और निर्यात के लिए एक अत्याधुनिक सीमा शुल्क निकासी गृह खुदरा आभूषण व्यवसाय के लिए आभूषण मॉल, अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग और सुरक्षित तिजोरी जैसी सुविधाएं होगी।
इसके अलावा सूरत हवाई अड्डे पर नया एकीकृत टर्मिनल भवन व्यस्त समय के दौरान 1,200 घरेलू यात्रियों और 600 अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को संभालेगा जिसमें इस दौरान क्षमता को 3,000 यात्रियों तक बढ़ाने का प्रावधान है।
नए भवन से हवाईअड्डे पर यात्रियों को संभालने की वार्षिक क्षमता 55 लाख तक हो जाएगी। सूरत शहर के प्रवेश द्वार के रूप में टर्मिनल भवन का निर्माण स्थानीय संस्कृति और विरासत के साथ किया गया है।