वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर रणनीतिक बिटकॉइन रिज़र्व स्थापित करने का फैसला किया। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब वह शुक्रवार को व्हाइट हाउस में क्रिप्टोकरेंसी उद्योग के अधिकारियों से मुलाकात करने जा रहे हैं।
व्हाइट हाउस के क्रिप्टो प्रमुख और अरबपति डेविड सैक्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बताया कि यह रिज़र्व उन बिटकॉइन्स से भरा जाएगा, जिन्हें अमेरिकी सरकार ने आपराधिक या नागरिक संपत्ति जब्ती कार्यवाहियों के तहत ज़ब्त किया है।
शुक्रवार को व्हाइट हाउस क्रिप्टो शिखर सम्मेलन के प्रतिभागी इस कार्यक्रम को ट्रंप द्वारा आधिकारिक रूप से रणनीतिक रिज़र्व की घोषणा करने का मंच मान रहे हैं, जिसमें बिटकॉइन समेत कुल पांच क्रिप्टोकरेंसी शामिल होंगी।
इस हफ्ते की शुरुआत में ट्रंप ने उन पांच डिजिटल संपत्तियों के नामों का खुलासा किया, जिन्हें वह इस रिज़र्व में शामिल करना चाहते हैं। इन नामों की घोषणा के बाद बाज़ार में इनकी कीमतों में तेजी आई। ये पाँच क्रिप्टोकरेंसी हैं – बिटकॉइन, ईथर, एक्सआरपी, सोलाना और कार्डानो।
हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि यह रिज़र्व कैसे संचालित होगा और इसका करदाताओं को क्या लाभ मिलेगा।
क्रिप्टो नीति पर विवाद
ट्रंप द्वारा क्रिप्टो उद्योग को समर्थन देने के फैसले ने कुछ रूढ़िवादी समूहों और क्रिप्टो समर्थकों के बीच चिंता बढ़ा दी है। उनका मानना है कि इस कदम से पहले से ही अमीर क्रिप्टो समुदाय को अनुचित लाभ मिल सकता है और डिजिटल करेंसी उद्योग की वैधता पर प्रश्न उठ सकते हैं।
वहीं, समर्थकों का कहना है कि इस रिज़र्व से करदाताओं को क्रिप्टोकरेंसी के मूल्य में बढ़ोतरी का लाभ मिलेगा।
ट्रंप का क्रिप्टो समर्थन हितों के टकराव (Conflict of Interest) के आरोपों को भी जन्म दे रहा है। ट्रंप के परिवार ने क्रिप्टो-मीम कॉइन्स लॉन्च किए हैं और उनके पास वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल नामक क्रिप्टो प्लेटफॉर्म में भी हिस्सेदारी है।
हालांकि, ट्रंप के सहयोगियों का कहना है कि उन्होंने अपने व्यवसायों का नियंत्रण छोड़ दिया है और स्वतंत्र नैतिकता विशेषज्ञ उनके व्यापारिक हितों की समीक्षा कर रहे हैं।