मुंबई:महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में उद्धव ठाकरे को बड़े लूजर के तौर पर देखा जा रहा है। 2019 के विधानसभा चुनाव में 56 विधायक जिताने वाले उद्धव ठाकरे के पाले में इस बार 20 ही आए हैं। वहीं एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना के 57 विधायक जीते हैं। ऐसे में पार्टी का नाम और सिंबल पहले ही खो चुके उद्धव ठाकरे को एकनाथ शिंदे गुट ने नई टेंशन दी है। शिंदे गुट के विधायक भरत गोगावाले का कहना है कि उद्धव ठाकरे के कई विधायक हमारे संपर्क में हैं और साथ आना चाहते हैं। माना जा रहा है कि एकनाथ शिंदे गुट के इस दावे के बाद उद्धव सेना अलर्ट हो गई है।
यही नहीं उद्धव ठाकरे के आवास मातोश्री पर सभी 20 विधायकों की सोमवार को मीटिंग बुलाई गई है। इस मीटिंग में विधायकों से कहा गया है कि वे लिखकर दें कि पाला नहीं बदलेंगे। इन सभी विधायकों से एफिडेविट लिए गए हैं, जिसमें लिखवाया गया है कि वे पार्टी के प्रति वफादार रहेंगे और जिस भी नेता को इनका मुखिया चुना जाएगा, उसे वे स्वीकार करेंगे। इसके लिए उद्धव ठाकरे को अधिकार दिया गया है। वहीं मातोश्री में हुई मीटिंग में इस संबंध में फैसला भी हो गया है और भास्कर जाधव को विधायक दल का नेता चुना गया है। यानी जाधव विधानसभा में पार्टी की लीडरशिप करेंगे। पहले की तरह ही सुनील प्रभु सदन में पार्टी के चीफ विप बने रहेंगे।
वहीं एकनाथ शिंदे गुट का कहना है कि उद्धव ठाकरे ने डर के मारे यह मीटिंग बुलाई थी। ऐसा इसलिए क्योंकि उनके कई विधायक हमारे संपर्क में हैं। इसी के चलते उन विधायकों से एफिडेविट लिए गए हैं कि वे साथ छोड़कर नहीं जाएंगे। बता दें कि उद्धव गुट को करारा झटका लगा है और संजय राउत ने तो चुनाव नतीजों के बाद ईवीएम पर ही सवाल उठा दिए। उन्होंने कहा कि आखिर एकनाथ शिंदे के सभी विधायक कैसे जीत रहे हैं। मुझे इन नतीजों पर यकीन नहीं है और कुछ गड़बड़ी जरूर हुई है। यही नहीं कांग्रेस का भी कहना है कि यह रिजल्ट हैरान करने वाला है और हम इसका मंथन करेंगे। उसके बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा।