भोपाल:मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने पूर्व आईएएस अधिकारी राधेश्याम जुलानिया को लेकर निशाना साधा है। उमा भारती ने जुलानिया पर लोकायुक्त मे भ्रष्टाचार का मामला दर्ज होने का स्वागत किया है। उन्होंने इस बात का भी खुलासा किया है कि केन बेतवा प्रोजेक्ट अटकाने में जुलानिया की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी।
दरअसल गुरूवार को जुलानिया के ऊपर भ्रष्टाचार के विभिन्न मामलों को लेकर लोकायुक्त में मामला दर्ज हुआ। जिसके बाद शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कई सारे ट्वीट करके राधेश्याम जुलानिया पर निशाना साधा। उमा भारती ने ट्वीट में लिखा है कि कल प्रदेश के एक पूर्व वरिष्ठ अधिकारी पर लोकायुक्त ने भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया है। मैं शिकायतकर्ता का अभिनंदन करती हूं।
उमा भारती ने आगे लिखा कि आपको याद होगा कि करी तीन महीने पहले मैं केन-बेतवा पर इस व्यक्ति का जिक्र करते हुए ट्वीट कर चुकी हूं। मैंने दो अधिकारियों का जिक्र किया था। जिनकी वजह से केन-बेतवा प्रोजेक्ट 2017 में रेडी होते हुए भी शुरू नहीं हो सका। उसमें यह एक व्यक्ति था।
ट्वीट में लिखा कि मैंने उस समय के मुख्य सचिव से मुख्यमंत्री जी के सामने ही इस अधिकारी को जल संसाधन मंत्रालय से हटाने को कहा था। एवं वह भी गया था। मेरा विभाग बदलते ही वह जल संसाधन में वापस हुआ। यह भी एक आश्चर्य का विषय है कि ऐसे लोग प्रभावशाली जगहों पर मौजूद कैसे रह सके।
जानकारी के अनुसार लोकायुक्त ने पूर्व आईएएस अधिकारी राधेश्याम जुलानिया के खिलाफ जांच शुरू की है। बताया जा रहा है कि जुलानिया पर एक फर्म से अपने खाते में अलग-अलग माध्यम से 99.50 लाख रुपए लेने का आरोप है। भोपाल के सामाजिक कार्यकर्ता नेमीचंद जैन ने लोकायुक्त को 2 अगस्त को शिकायत की थी। और आरोप लगाया था कि जुलानिया जिस बंगले में रहते हैं, उसका भूखंड उन्होंने अपने और पत्नी के नाम खरीदा।
वहीं शिकायत में आरोप है कि अर्नी इंफ्रा को मेंटाना ने 93 करोड़ रुपये के काम सबलेट किए थे। जुलानिया लंबे समय तक जल संसाधन विभाग के मुखिया रहे हैं। उनके कार्यकाल में मेंटाना को करोड़ों रुपये के काम दिए गए। शिकातयकर्ता ने आरोपों के कथित प्रमाण भी लोकायुक्त को दिए हैं। जुलानिया जब जल सांसधान विभाग में थे, उस समय उनकी बेटी लवण्या हैदराबाद मे मेंटाना की ही एक कंपनी में जॉब कर रही थी। इसकी जानकारी जुलानिया ने राज्य सरकार को भी नहीं दी।