दशहरा कल मनाया जाएगा। दशहरा दस प्रकार के पापों के परित्याग की प्रेरणा देता है। ज्योतिषविद पंडित ललित शर्मा के अनुसार कल विजयदशमी पूजन का शुभ मुहूर्त प्रात: 7.44 से प्रात: 9.13 तक और इसके बाद प्रात: 10.41 से दोपहर 2.09 बजे तक रहेगा।
सिविल लाइन्स स्थित धार्मिक संस्थान विष्णुलोक के ज्योतिषविद पंडित ललित शर्मा के अनुसार दशहरा (विजयदशमी) आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। भगवान राम ने इसी दिन रावण का वध किया था तथा देवी दुर्गा ने नौ रात्रि एवं दस दिन के युद्ध के उपरांत महिषासुर पर विजय प्राप्त की थी। इस पर्व को असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है। इस साल कल 5 अक्तूबर बुधवार को दशहरा का पावन पर्व मनाया जाएगा। दशहरा वर्ष की तीन अत्यंत शुभ तिथियों में से एक है। अन्य दो चैत्र शुक्ल की प्रतिपदा एवं कार्तिक शुक्ल की प्रतिपदा तिथि हैं। दशहरा एक अबूझ मुहूर्त है यानी इसमें बिना मुहूर्त देखे शुभ कार्य किये जा सकते हैं। दशहरा का पर्व दस प्रकार के पापों काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद, मत्सर, अहंकार, आलस्य, हिंसा और चोरी के परित्याग की सदप्रेरणा प्रदान करता है।
इस मंत्र का करें जाप
ज्योतिषविद पंडित ललित शर्मा के अनुसार विजयादशमी के दिन भगवान श्रीराम का विधिवत पूजन करना चाहिए। ‘ओम दशरथाय विद्महे सीतावल्लभाय धीमहि तन्नो राम: प्रचोदयात मंत्र का जाप करने से कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।