सृष्टि के रचयिता विश्वकर्मा पूजा और जिउतिया पर्व को लेकर बाजारों में चहल पहल है। पूजन सामग्री और फल प्रसाद की खरीदारी को लेकर बाजार में लोगों की भीड़ लगी है। पूजा को लेकर गांधी चौक, हटिया रोड, थाना रोड व स्टेशन रोड पर पूजन सामग्री की दर्जनों अस्थाई दुकानें सजी थी। जहां लोगों ने पूजा सामग्री की खरीदारी की व फल प्रसाद की भी बिक्री जोरों पर रही। बता दें कि विश्वकर्मा पूजा शनिवार को होगी। जबकि संतान की दीर्घायु की कामना को लेकर माताएं जिउतिया पर्व का उपवास रविवार को करेंगी। पूजा को लेकर पूरे अनुमंडल क्षेत्र में धार्मिक माहौल बना हुआ है।
विश्वकर्मा पूजा का मुहूर्त-
विश्वकर्मा पूजा कन्या संक्रान्ति का क्षण – 07:36 ए एम
ब्रह्म मुहूर्त– 04:33 ए एम से 05:20 ए एम
अभिजित मुहूर्त– 11:51 ए एम से 12:40 पी एम
विजय मुहूर्त– 02:18 पी एम से 03:07 पी एम
गोधूलि मुहूर्त– 06:12 पी एम से 06:36 पी एम
अमृत काल– 08:50 ए एम से 10:36 ए एम
निशिता मुहूर्त– 11:52 पी एम से 12:39 ए एम, सितम्बर 18, 05:21 ए एम, सितम्बर 18 से 07:08 ए एम, सितम्बर 18
सर्वार्थ सिद्धि योग– 06:07 ए एम से 12:21 पी एम
द्विपुष्कर योग– 12:21 पी एम से 02:14 पी एम
रवि योग– 06:07 ए एम से 12:21 पी एम
अमृत सिद्धि योग– 06:07 ए एम से 12:21 पी एम
पूजा- विधि :
इस दिन अपने कामकाज में उपयोग में आने वाली मशीनों को साफ करें। फिर स्नान करके भगवान विष्णु के साथ विश्वकर्माजी की प्रतिमा की विधिवत पूजा करनी चाहिए। ऋतुफल, मिष्ठान्न, पंचमेवा, पंचामृत का भोग लगाएं। दीप-धूप आदि जलाकर दोनों देवताओं की आरती उतारें।
जितिया व्रत पूजा- विधि-
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें
- स्नान आदि करने के बाद सूर्य नारायण की प्रतिमा को स्नान कराएं।
- धूप, दीप आदि से आरती करें और इसके बाद भोग लगाएं।
- मिट्टी और गाय के गोबर से चील व सियारिन की मूर्ति बनाएं।
- कुशा से बनी जीमूतवाहन की प्रतिमा को धूप-दीप, चावल, पुष्प आदि अर्पित करें।
- विधि- विधान से पूजा करें और व्रत की कथा अवश्य सुनें।
- व्रत पारण के बाद दान जरूर करें।
मुहूर्त-
जीवित्पुत्रिका रविवार, सितम्बर 18, 2022 को
अष्टमी तिथि प्रारम्भ – सितम्बर 17, 2022 को 02:14 पी एम बजे
अष्टमी तिथि समाप्त – सितम्बर 18, 2022 को 04:32 पी एम बजे