नूंह:हिंसा में नशेड़ियों व तस्करों की भूमिका की बात भी सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि हिंसा में साइबर अपराधियों के अलावा सक्रिय नशा तस्कर भी काफी संख्या में शामिल हुए। उन्होंने जमकर उत्पात मचाया। नतीजन 31 जुलाई को छह घंटे तक नूंह जलता रहा। इसमें छह लोगों की मौत हुई और 88 घायल हुए। पुलिस अब हिंसा में शामिल आरोपियों की तलाश में जुटी है।
पुलिस के अनुसार हिंसा में शामिल 156 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया चुका है। इनमें से 50 के आसपास नशेड़ी व तस्कर बताए जा रहे हैं। गिरफ्तार अधिकांश आरोपियों की उम्र 18 से 25 वर्ष के बीच है। इनमें से अधिकांश नशा करने के आदि हैं। साथ ही नशे सामानों की तस्करी भी करते हैं। सूत्रों की मानें तो पूछताछ में कई आरोपियों ने बताया कि हिंसा के दौरान उन्होंने नशा की थी। नशे की हालत में भड़काऊ वीडियो देखने से वह उत्तेजित हो गए। वह गांव व आसपास के युवाओं के बहकावे में आ गए। उनके कहने पर हिंसा में शामिल हुए। पूछताछ में गिरफ्तार युवाओं ने यह भी बताया कि हिंसा में शामिल होने से चंद मिनट पहले उन्हें शराब, गांजा, स्मैक आदि नशा करने के लिए दिया गया। इससे उनका आवेश और बढ़ा।
नशा तस्कर की यह थी मंशा सूत्रों के अनुसार नूंह में नशा तस्करी का कारोबार काफी बड़ा है। राजस्थान से सटा होने व अरावली की ओट में होने के चतले नशा तस्कर नशीले पदार्थों की सप्लाई करते हैं। बीते कुछ दिनों में उनके खिलाफ पुलिस की कार्रवाई बढ़ गई। पुलिस लगातार तस्करों को गिरफ्तार कर रही थी। लिहाजा जानकारों की मानें तो पुलिस के खिलाफ वह हिंसा में शामिल हुए और आगजनी की।
गिरफ्तार युवा कर रहे नशे की मांग
सूत्रों की मानें तो पुलिस की गिरफ्त में भी कई आरोपी नशे की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि नशे के आदी हैं। ऐसे में नशा नहीं करने पर उनकी तबीयत बिगड़ सकती है। बताया जा रहा है कि आरोपी पुलिस पूछताछ में तरह-तरह के बहाने बना रहे हैं। हालांकि पुलिस कइयों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।