भोपाल:मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सभी को चौंका दिया है। ऐसा लगता है कि यहां सीएम शिवराज सिंह चौहान की ‘लाडली बहना योजना’ ने उलटफेर कर दिया है। मध्य प्रदेश में भाजपा ने 137 सीटों पर बढ़त के साथ रुझानों में बहुमत हासिल कर लिया है। वहीं कांग्रेस महज 57 सीटों पर ही सिमट गई है। कई एग्जिट पोल्स में कड़े मुकाबले की बात करते हुए भाजपा को बहुमत दिया गया था, लेकिन नतीजा तो उससे भी कहीं अलग है। भाजपा मध्य प्रदेश में लंबे समय बाद इतनी बड़ी जीत हासिल करने जा रही है। यहां भाजपा को 50 फीसदी वोट मिलते दिख रहे हैं।
इस बीच शिवराज सिंह चौहान ने जीत का क्रेडिट पीएम नरेंद्र मोदी को दिया है। उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने यहां खूब सभाएं कीं और जनता से अपील की। उनकी अपील जनता से जुड़ गई। यह रुझान बता रहे हैं कि लोगों ने डबल इंजन की सरकार को समर्थन दिया है। दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने जो काम किया है, उसे हमने ढंग से लागू किया। हमने लाडली लक्ष्मी से लेकर लाडली बहना तक जो स्कीमें लागू की हैं, उन्हें लोगों ने पसंद किया है। गृह मंत्री अमित शाह जी ने भी यहां खूब मार्गदर्शन किया और उससे चुनाव को गति और दिशा मिली। हमारे संगठन के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने खूब मेहनत की।
इससे पहले उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘आज मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आ रहे हैं और मुझे विश्वास है कि जनता के आशीर्वाद व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी पूर्ण बहुमत के साथ फिर सरकार बनाने जा रही है।’ शिवराज सिंह चौहान ने यहां जमकर प्रचार किया था और वह पीएम नरेंद्र मोदी के साथ ही नजर आ रहे थे। हालांकि उन्हें पार्टी ने सीएम फेस घोषित नहीं किया था। करीब दो दशक तक सीएम रहने वाले शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ ऐंटी-इनकम्बैंसी की बात कही जा रही थी, लेकिन उन्होंने सारे समीकरण ही बदल डाले।
भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का कहना है कि उन्हें भरोसा है कि जनता का साथ मिलेगा। उन्होंने कहा कि हम पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रहा है। सिंधिया के प्रभाव वाले चंबल बेल्ट में भी भाजपा को बढ़त मिलती दिख रही है। भाजपा ने इस बार सीएम फेस का ऐलान नहीं किया था। इसलिए शिवराज के भविष्य पर भी कयास लग रहे थे। अब इस बड़ी जीत के बाद माना जा रहा है कि वह एक बार फिर से मुख्यमंत्री बनाए जा सकते हैं। वह सीएम की कुर्सी के लिए प्रबल दावेदार हैं।