नई दिल्ली:पहलवानों के धरने से देश की छवि खराब होने की बात कहने वालीं पूर्व एथलीट पीटी उषा निशाने पर आ गई हैं। टीएमसी की फायर ब्रांड सांसद महुआ मोइत्रा ने इसे लेकर पीटी उषा पर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘पीटी उषा का कहना है कि सड़कों पर पहलवानों के धरना देने से देश की छवि खराब हो रही है। सत्ताधारी दल के सांसद सालों से कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बने हुए हैं। उन पर यौन उत्पीड़न और अपनी ताकत के बेजा इस्तेमाल के आरोप लगे हैं। इस पर दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी एफआईआर से भी इनकार कर दिया है। क्या इससे गुलाब की खुशबू आ रही है?’
महुआ मोइत्रा ने इस तरह भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा पर सीधा हमला बोला है, जिन्होंने पहलवानों को सलाह दी थी कि वे धरना देने की बजाय ओलंपिक समिति से शिकायत कर सकते थे। यही नहीं पीटी उषा पर धरना दे रही महिला पहलवानों का साथ दे रहे बजरंग पूनिया ने भी अटैक किया। उन्होंने कहा कि पीटी उषा ने एक महिला होकर भी महिलाओं के दर्द को समझने की कोशिश नहीं की। पीटी उषा ने कहा था कि सही फोरम पर शिकायत करने की बजाय धरना देने का रास्ता चुनना अनुशासनहीनता की तरह है।
पीटी उषा ने कहा था, ‘हमारा मानना है कि यौन उत्पीड़न की शिकायतों के लिए इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन की एक समिति है और वहां बात रखी जा सकती है। वहां शिकायत करने की बजाय सड़कों पर उतरना सही नहीं है। उन लोगों को हमारे पास आना चाहिए था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।’ पूर्व एथलीट ने कहा था कि वे लोग धरने पर बैठ गए हैं और सभी राजनीतिक दलों से कह रहे हैं कि आइए हमारा समर्थन करिए। यह बात निराश करने वाली है। पीटी उषा के इसी बयान पर महुआ मोइत्रा ने आपत्ति जाहिर की है।
बता दें कि तीन महीने पहले ही विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक जैसे पहलवानों ने कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न और फंड में गड़बड़ी के आरोप लगाए थे। इसके बाद खेल मंत्रालय ने मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया था, लेकिन इसकी रिपोर्ट ना आने के बाद पहलवान भड़क गए। उन्होंने जंतर-मंतर पर धरना देना शुरू कर दिया है।