कीवरूस-यूक्रेन युद्ध में रविवार तड़के एक नया मोड़ आया जब रूस ने यूक्रेन पर अब तक का सबसे बड़ा ड्रोन हमला किया। यूक्रेनी अधिकारियों के अनुसार, इस हमले में रूस ने कुल 273 ड्रोन दागे—जो अब तक का सबसे बड़ा हवाई हमला माना जा रहा है। इससे पहले फरवरी 2025 में 267 ड्रोन हमले हुए थे, जो उस समय का रिकॉर्ड था।
इस भारी हमले का केंद्र यूक्रेन की राजधानी कीव, ड्निप्रोपेत्रोव्स्क और डोनेस्क क्षेत्र रहे। यूक्रेनी वायु सेना का कहना है कि रूस ने जानबूझकर रिहायशी इलाकों को निशाना बनाया। ओबुखिव जिले में एक 28 वर्षीय महिला की मौत हो गई, जबकि एक चार साल के बच्चे समेत तीन लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। कई बहुमंज़िला इमारतें और बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा है।
हमले के बाद कीव समेत कई क्षेत्रों में नौ घंटे तक हवाई हमले की चेतावनी जारी रही। यूक्रेनी वायु रक्षा बलों ने दावा किया है कि उन्होंने 88 ड्रोन मार गिराए, जबकि 128 नकली ड्रोन बिना किसी नुकसान के गिर गए।
यूक्रेन के डिसइन्फॉर्मेशन सेंटर के प्रमुख आंद्रेई कोवालेन्को ने कहा, “रूस हमेशा वार्ता की विफलता को ढकने के लिए सैन्य हमलों का सहारा लेता है। यह हमला भी उसी रणनीति का हिस्सा है।”
इस्तांबुल वार्ता विफल, अमेरिका कूटनीतिक पहल में जुटा
हाल ही में तुर्की के इस्तांबुल में रूस और यूक्रेन के बीच तीन वर्षों बाद शांति वार्ता हुई, लेकिन यह वार्ता किसी ठोस निष्कर्ष तक नहीं पहुंच सकी। केवल कैदियों के आदान-प्रदान पर सहमति बनी, जबकि युद्धविराम जैसे मुद्दों पर कोई समझौता नहीं हो पाया।
अब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पुतिन और जेलेंस्की दोनों से व्यक्तिगत बातचीत करने की घोषणा की है। अमेरिका की इस पहल को कूटनीतिक हल निकालने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
सुमी में नागरिकों पर हमला, जेलेंस्की ने जताया आक्रोश
इससे एक दिन पहले रूस के ड्रोन हमले में यूक्रेन के सुमी क्षेत्र में एक बस को निशाना बनाया गया, जिसमें नौ आम नागरिकों की मौत हो गई थी। राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने इसे जानबूझकर किया गया हमला बताते हुए रूस पर और अधिक कठोर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
हालांकि रूस का दावा है कि उसका निशाना एक सैन्य ठिकाना था, लेकिन घटनास्थल पर हुई तबाही और नागरिकों की मौतों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता बढ़ा दी है।
रूस के इस भयावह ड्रोन हमले ने यूक्रेन में तबाही का नया अध्याय जोड़ दिया है। जहां एक ओर मैदान में बारूद की गूंज है, वहीं कूटनीतिक मंचों पर भी तनाव स्पष्ट है। आने वाले दिन यह तय करेंगे कि यह युद्ध और कितनी भयावहता की ओर बढ़ेगा या किसी समाधान की दिशा में मुड़ेगा।