नई दिल्ली:पीएम नरेंद्र मोदी 2 से 4 मई के दौरान फ्रांस, जर्मनी और डेनमार्क के दौरे पर रहेंगे। इस साल उनका यह पहला विदेश दौरा होगा, जिसकी शुरुआत वे यूरोपीय देशों से कर रहे हैं। यूक्रेन में जारी संघर्ष के बीच उनका यह दौरा विदेश नीति के लिहाज से अहम माना जा रहा है। पीएम के दौरे का पहला पड़ाव जर्मनी होगा, जहां वे चांसलर ओलाफ शोल्ज से द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी जर्मनी में रह रहे भारतीय समुदाय के लोगों को भी संबोधित करेंगे। 2021 में शोल्ज के जर्मनी की सत्ता में आने के बाद से पीएम नरेंद्र मोदी की उनसे पहली मुलाकात होगी।
भारत और जर्मनी के बीच कूटनीतिक संबंधों के बीत साल ही 70 वर्ष पूरे हुए हैं। जर्मनी के बाद पीएम नरेंद्र मोदी डेनमार्क जाएंगे, जहां वह दूसरे इंडिया-नोर्डिक समिट में भी हिस्सा लेंगे, जिसका आयोजक डेनमार्क ही है। नोर्डिक देशों के साथ भारत के संबंधों के लिहाज से इस समिट को अहम माना जा रहा है। यहां पीएम मोदी एक बिजनेस फोरम में हिस्सा लेंगे और भारतीय समुदाय के लोगों को भी संबोधित करेंगे। यही नहीं नोर्डिक समिट के दौरान वह आइसलैंड के पीएम से मुलाकात करेंगे। वहीं नॉर्वे, स्वीडन और फिनलैंड जैसे देशों के राष्ट्राध्यक्षों से भी मुलाकात करेंगे।
इस समिट में कोरोना संकट के बाद अर्थव्यवस्था के उभार, क्लाइमेट चेंज, इनोवेशन ऐंड टेक्नोलॉजी, नवीकरणीय ऊर्जा और वैश्विक सुरक्षा जैसे मुद्दों पर बात होगी। इसके अलावा नोर्डिक देशों में भारत की भूमिका को लेकर भी पीएम मोदी चर्चा करेंगे। पहली बार इंडिया-नोर्डिक समिट का आयोजन 2018 में स्टॉकहोम में हुआ था। अपनी यात्रा के आखिरी पड़ाव में पीएम नरेंद्र मोदी कुछ वक्त के लिए पेरिस में रुकेंगे और राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात करेंगे। इस साल भारत और फ्रांस अपने कूटनीतिक रिश्तों के 75 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं। बता दें कि दोनों देशों के बीच गहरे रणनीतिक संबंध भी हैं। भारत बड़े पैमाने पर हथियारों की खरीद फ्रांस से करता रहा है, जिनमें हाल ही में राफेल विमानों की डील भी शामिल है।