डेस्क। वाईएसआरसीपी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने शनिवार को ‘क्षमायाचना’ अनुष्ठान किया। उन्होंने कहा कि इसके जरिए आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की ओर से किए गए ‘पाप’ का प्रायश्चित किया गया, जिन्होंने तिरुपति लड्डुओं की पवित्रता पर सवाल उठाए थे। नायडू ने हाल में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के विधायक दल की बैठक में गंभीर आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि पिछली YSRCP सरकार ने श्री वेंकेटेश्वर मंदिर को भी नहीं बख्शा और लड्डू बनाने में घटिया सामग्री व पशु चर्बी का इस्तेमाल किया।
सीएम नायडू के इन आरोपों से हिंदू भावनाएं आहत हुईं और देशभर में जनाक्रोश भड़क गया। इस जनाक्रोश के बाद वाईएसआरसीपी के प्रमुख वाई एस जगनमोहन रेड्डी ने आरोप लगाया कि नायडू लड्डुओं के बारे में सरासर झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोई अपवित्रता नहीं हुई, क्योंकि जांच के लिए भेजे गए घी के नमूने राजग शासन के दौरान के लिए गए थे। रेड्डी ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से नायडू की ओर से आरोप लगाकर किए गए ‘पाप’ को धोने के लिए प्रायश्चित करने का आह्वान किया।
‘नायडू ने भगवान को भी राजनीति में घसीटा’
सीनियर YSRCP नेता और तिरुपति तिरुमाला देवस्थानम (TTD) के पूर्व अध्यक्ष बी करुणाकर रेड्डी ने तिरुपति के तताया गुंटा में गंगम्मा मंदिर में पूजा-अर्चना में हिस्सा लिया। इसी तरह पूर्व सिंचाई मंत्री अंबाती रामबाबू ने गुंटूर में वेंकेटेश्वर स्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना की। वाईएसआरसीपी नेता एम शर्मिला रेड्डी ने स्थानीय समाचार चैनल से कहा, ‘नायडू ने भगवान को भी राजनीति में घसीटा और एक ऐसी घटना पर बड़ा हंगामा खड़ा कर दिया जो कभी हुई ही नहीं। मैं एक बात पूछ रही हूं। जब घी की खेप (कथित मिलावटी घी के टैंकर) आए थे, तब मुख्यमंत्री कौन था?’ नायडू के आरोपों को लेकर इलुरु जिले में भी कई वाईएसआरसीपी समर्थकों और कार्यकर्ताओं ने विशेष पूजा की।