इंदौर: 13 वर्षीय लड़की से दुष्कर्म और उस पर धर्मांतरण का दबाव बनाने के जुर्म में जिला अदालत ने उसके सौतेले पिता को 20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। अभियोजन विभाग के एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। विशेष न्यायाधीश सुरेखा मिश्रा ने नाबालिग लड़की के 26 वर्षीय सौतेले पिता को भारतीय दंड विधान, यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो एक्ट) और मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के संबद्ध प्रावधानों के तहत शनिवार (एक जून) को दोषी करार दिया।
अदालत ने मुजरिम को 20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाने के साथ ही उस पर 59,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया और आदेश दिया कि पीड़ित लड़की को सरकारी खजाने से एक लाख रुपये का मुआवजा अदा किया जाए। विशेष न्यायाधीश ने अपने फैसले में कहा कि नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म का जघन्य कृत्य करने वाले उसके सौतेले पिता की सजा को लेकर अगर उदारतापूर्वक विचार किया गया, तो समाज पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा और रिश्तों से लोगों का भरोसा ही उठ जाएगा।
अभियोजन अधिकारी ने बताया कि आजाद नगर क्षेत्र में 26 वर्षीय व्यक्ति ने अपनी सौतेली बेटी को छह दिसंबर 2022 को घर में अकेला पाकर उसके साथ दुष्कर्म किया था। अधिकारी के मुताबिक सौतेला पिता अपनी नाबालिग बेटी पर धर्म बदलने का दबाव भी बना रहा था। उन्होंने बताया कि पीड़ित लड़की के पिता पर जुर्म साबित करने के लिए विशेष लोक अभियोजक सुशीला राठौर की ओर से अदालत में सात गवाह पेश किए गए थे।