नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के लिए 2025 एक महत्वपूर्ण और रोमांचक वर्ष साबित होने वाला है। अंतरिक्ष मंत्री जितेंद्र सिंह ने मंगलवार को बताया कि 2025 के पहले छह महीनों में इसरो आधे दर्जन बड़े मिशनों को अंजाम देगा। इनमें गगनयान मिशन के तहत महिला रोबोट ‘व्योममित्र’ का अंतरिक्ष में प्रक्षेपण और भारत-अमेरिका के सहयोग से बने विश्व के सबसे महंगे उपग्रह NISAR का लॉन्च शामिल है।
गगनयान: व्योममित्र की उड़ान
जनवरी में इसरो अपने पहले मिशन के रूप में उन्नत नेविगेशन उपग्रह NVS-02 को GSLV रॉकेट के जरिए लॉन्च करेगा। यह इसरो का 100वां मिशन होगा। इसके बाद, गगनयान मिशन के तहत महिला रोबोट ‘व्योममित्र’ को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। यह रोबोट मानव अंतरिक्ष यान की परीक्षण उड़ान के लिए डिजाइन किया गया है और इसका उद्देश्य गगनयान मिशन के लिए तकनीकी तैयारियों का परीक्षण करना है।
मंत्री ने कहा, “व्योममित्र मिशन की सफलता के बाद, मानव अंतरिक्ष यात्री को भेजने की तैयारी की जाएगी। यह भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक ऐतिहासिक कदम होगा।”
मार्च में होगा NISAR उपग्रह का प्रक्षेपण
मार्च में भारत और अमेरिका के सहयोग से विकसित NISAR (NASA-ISRO SAR) उपग्रह लॉन्च किया जाएगा। यह 12,505 करोड़ रुपये की लागत वाला विश्व का सबसे महंगा उपग्रह है। NISAR पृथ्वी की सतह और बर्फ के बदलावों की उच्च-रिज़ॉल्यूशन स्कैनिंग करेगा। यह हर 12 दिन में डेटा प्रदान करेगा, जो पर्यावरणीय और जलवायु परिवर्तन संबंधी अध्ययन में उपयोगी होगा।
भारत की बढ़ती अंतरिक्ष शक्ति
मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि ISRO ने पिछले एक दशक में विदेशी उपग्रह लॉन्च सेवाओं से 40 करोड़ डॉलर से अधिक की कमाई की है। अब भारत अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अमेरिका और यूरोपीय संघ के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है।
ISRO अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा कि 2025 में चार GSLV रॉकेट, तीन PSLV और एक SSLV का प्रक्षेपण किया जाएगा। 2024 में ISRO ने 15 मिशन सफलतापूर्वक पूरे किए थे।
नए युग की शुरुआत
2025 इसरो के लिए न केवल एक ऐतिहासिक वर्ष होगा, बल्कि यह भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम की प्रगति और वैश्विक स्तर पर भारत की बढ़ती वैज्ञानिक ताकत का प्रतीक भी बनेगा।