नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (AAP) सांसद संजय सिंह की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ती नज़र आ रही हैं। धरना प्रदर्शन और सड़क जाम के 23 साल पुराने केस में आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह और पूर्व विधायक अनूप संडा के नाम जारी गैर जमानती वारंट के क्रियान्वयन पर रोक लगाए जाने का प्रार्थनापत्र एमपी-एमएलए कोर्ट ने खारिज कर दिया। कोर्ट ने सभी आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करते हुए 28 अगस्त तक पेश करने का आदेश पुलिस को दिया है।
जिस मामले में वारंट जारी हुआ है वो 19 जून 2001 का है। तब बिजली-पानी और कई अन्य मुद्दों को लेकर नगर कोतवाली क्षेत्र के लखनऊ नाका के पास आंदोलन किया गया था। इसमें संजय सिंह, अनूप संडा आदि शामिल थे। धरना-प्रदर्शन और रोड जाम को लेकर कोतवाली नगर के दरोगा ने इनके खिलाफ केस दर्ज किया था। एमपी/एमएलए कोर्ट में पुलिस ने सांसद संजय सिंह, पूर्व विधायक अनूप संडा, पूर्व सभासद कमल श्रीवास्तव, वर्तमान नामित सभासद विजय, पूर्व प्रवक्ता कांग्रेस संतोष कुमार, पूर्व नगर अध्यक्ष भाजपा सुभाष चौधरी और प्रेम प्रकाश के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।
मामला विचाराधीन रहने के दौरान प्रेम प्रकाश की मौत हो चुकी है। बाकी छह लोगों के खिलाफ ट्रायल पूरा हुआ था। इसमें सभी को तीन-तीन महीने के कारावास और डेढ़-डेढ़ हजार रुपए अर्थदंड की सजा तत्कालीन एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट योगेश यादव ने सुनाई थी। इसके खिलाफ तीनों सेशन कोर्ट गए। वहां से भी कोई राहत नहीं मिली। न्यायाधीश एकता वर्मा की अदालत से अपील खारिज होने के बाद पांच आरोपियों को एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट के यहां नौ अगस्त को आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया गया था। वहीं इसी मामले में दोषी सुभाष चौधरी की अपील अभी विचाराधीन है।
कोर्ट में हाजिर न होने के कारण एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट शुभम वर्मा ने पांच आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया। अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी। बता दें कि सांसद संजय सिंह और अनूप संडा की ओर से वकील के जरिए मंगलवार को भी एमपी-एमएलए कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट रोकने की मांग की गई थी। मामले में सांसद संजय सिंह ने अपील खारिज होने के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। संजय सिंह के वकील अरविंद सिंह राजा ने बताया कि हाईकोर्ट ने सुनवाई के लिए 22 अगस्त की तारीख तय की है।