चुनाव की तारीखों का ऐलान भले ही महाराष्ट्र और झारखंड के लिए हुआ हो, लेकिन दिल्ली में भी चुनावी माहौल गर्म हो गया है। आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। इस बीच ‘आप’ की एक रणनीति की तुलना राजस्थान में अशोक गहलोत की एक चाल से की जा रही है, जो गहलोत के लिए उलटी साबित हुई थी। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या केजरीवाल ने भी भाजपा के सामने वही दांव खेला है?
राजस्थान में गहलोत का दांव
बात करीब एक साल पुरानी है। राजस्थान में 5 साल तक सरकार चलाने के बाद चुनाव से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जनता को यह बताने की कोशिश की कि अगर भाजपा की सरकार बनी, तो उनकी दी गई सुविधाओं को बंद कर दिया जाएगा। इन योजनाओं में 25 लाख रुपए तक मुफ्त इलाज, 500 रुपए में गैस सिलेंडर, हर घर को 100 यूनिट मुफ्त बिजली, और महिलाओं के बस सफर पर 50 फीसदी सब्सिडी जैसी योजनाएं शामिल थीं। गहलोत को उम्मीद थी कि इन योजनाओं से वह फिर सत्ता में लौटेंगे।
लेकिन गहलोत की चाल को भाजपा ने फुलटॉस में बदल दिया। गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गारंटी मांगी कि भाजपा की सरकार बनने पर कांग्रेस की योजनाएं बंद नहीं होंगी। मोदी ने इसे भुनाते हुए रैली में कहा कि भाजपा की सरकार बनी तो गहलोत की अच्छी योजनाएं बंद नहीं होंगी, बल्कि और सुविधाएं दी जाएंगी। इस दांव से भाजपा ने कांग्रेस की योजनाओं के लाभार्थियों को भी अपनी ओर आकर्षित कर लिया।
केजरीवाल ने खेला वही दांव, भाजपा का बड़ा ऐलान
दिल्ली में अब अरविंद केजरीवाल भी जनता को यह संदेश दे रहे हैं कि अगर भाजपा की सरकार बनी, तो मुफ्त बिजली, पानी, महिलाओं को मुफ्त बस सफर और मुफ्त इलाज जैसी सुविधाएं बंद कर दी जाएंगी। हाल ही में शुरू हुए जनसंपर्क अभियान के दौरान उन्होंने इसी बात पर जोर दिया। ‘आप’ की इन मुफ्त सेवाओं को दिल्ली में उसकी सफलता का प्रमुख कारण माना जाता है।
केजरीवाल के इस दांव के तुरंत बाद भाजपा ने बड़ा ऐलान कर दिया। विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि भाजपा की सरकार बनी तो ‘आप’ की मौजूदा किसी भी योजना को बंद नहीं किया जाएगा, चाहे वह मुफ्त बिजली हो, पानी हो या डीटीसी बस सेवा। इसके साथ ही भाजपा ने और अधिक सुविधाएं देने का भी वादा किया है।
दिल्ली में होगी रेवड़ियों की बरसात
राजनीति के जानकार मानते हैं कि दिल्ली में चुनाव से पहले मुफ्त सुविधाओं की भरमार होने वाली है। जहां एक ओर ‘आप’ सरकार अपनी मुफ्त सेवाओं को जारी रखने का भरोसा देगी, वहीं भाजपा और कांग्रेस भी बड़े लोकलुभावन वादे करने की तैयारी में हैं। सूत्रों के अनुसार, भाजपा दिल्ली में महिलाओं को हर महीने 2100 रुपए की आर्थिक सहायता और 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का वादा कर सकती है। कांग्रेस भी अपने गढ़ में वापसी के लिए कुछ बड़े वादे कर सकती है।
इस चुनावी मौसम में दिल्ली के वोटर्स को कई रेवड़ियों की उम्मीद है, चाहे वह किसी भी पार्टी की ओर से हो।