इस्तांबुल। तुर्किये (तुर्की) में एक दिन पहले भीषण हमला हुआ। राष्ट्रपति रजब तैय्यब एर्दोआन ने कहा कि देश की सरकारी एयरोस्पेस और रक्षा कंपनी ‘तूसास’ के परिसर पर बुधवार को किए गए एक हमले में हमलावरों ने विस्फोट किए और गोलीबारी की जिसमें चार व्यक्तियों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। तुर्किये के अधिकारियों का मानना है कि आतंकवादी हमला संभवतः पीकेके सदस्यों द्वारा किया गया था। पीकेके यानी कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी पहले भी तुर्किये पर हमला करती रही है। ऐसे में ये जानना जरूरी हो जाता है कि आखिर ये कुर्द हैं कौन हैं इनकी तुर्किये से क्या दुश्मनी है!
कुर्द कौन हैं?
कुर्द एक जातीय समूह हैं जिनकी आबादी मुख्य रूप से पश्चिमी एशिया के चार देशों – तुर्की (अब तुर्किये), इराक, सीरिया, और ईरान – में पाई जाती है। कुर्दों की कुल जनसंख्या लगभग 3 से 4 करोड़ के बीच मानी जाती है, जिससे वे विश्व के सबसे बड़े “राष्ट्रविहीन” (stateless) जातीय समूहों में से एक हैं। उनकी अपनी भाषा (कुर्दिश), संस्कृति, और परंपराएं हैं, जो उन्हें उनके आस-पास की अन्य जातीयताओं से अलग करती हैं। कुर्द समुदायों की प्रमुख जनसंख्या तुर्किये, इराक, और सीरिया के पहाड़ी क्षेत्रों में बसती है।
कुर्दिस्तान का सपना
कुर्दों का एक ऐतिहासिक सपना रहा है कि उनके लिए एक स्वतंत्र राष्ट्र “कुर्दिस्तान” बने। 20वीं शताब्दी की शुरुआत में, प्रथम विश्व युद्ध के बाद, 1920 की सेव्रेस संधि में कुर्दों के लिए एक स्वतंत्र राज्य का प्रस्ताव किया गया था। लेकिन इस संधि को लागू नहीं किया गया, और 100 साल पहले 1923 की लॉजेन संधि ने तुर्किये की सीमाओं को तय करते हुए कुर्दों के इस सपने को कुचल दिया।
तब से कुर्दों को उन देशों में विभाजित कर दिया गया जहां वे अब रहते हैं। तुर्किये में, विशेष रूप से, कुर्दों के साथ राजनीतिक, सांस्कृतिक, और सामाजिक अन्याय होते रहे हैं, जिससे उनकी असंतुष्टि बढ़ी। तुर्किये ने कुर्दों की पहचान और उनकी भाषा के सार्वजनिक उपयोग को प्रतिबंधित कर दिया, जिससे उनके भीतर आत्म-निर्णय और स्वतंत्रता की भावना और मजबूत हुई।
तुर्किये और कुर्द संघर्ष की पृष्ठभूमि
सांस्कृतिक और राजनीतिक दमन
20वीं शताब्दी के मध्य में तुर्किये ने कुर्दों के खिलाफ कठोर कदम उठाए। तुर्कीयाई सरकार ने कुर्द भाषा, कुर्दिश पहनावे, और उनकी सांस्कृतिक गतिविधियों पर कई प्रतिबंध लगाए। इसके अलावा, उन्हें तुर्क ही माना गया, “कुर्द” शब्द का इस्तेमाल करना भी अपराध था। यह दमन कुर्दों के लिए संघर्ष का कारण बना, क्योंकि वे अपनी पहचान और सांस्कृतिक स्वतंत्रता की मांग कर रहे थे।
PKK का उदय
1978 में, कुर्दिश वर्कर्स पार्टी (PKK) की स्थापना अब्दुल्लाह ओकालान के नेतृत्व में हुई। यह संगठन शुरुआत में तुर्किये से कुर्दों के लिए स्वतंत्र राज्य की मांग कर रहा था, लेकिन समय के साथ इसने स्वायत्तता और कुर्दों के लिए अधिकारों की मांग शुरू की। PKK ने तुर्किये के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह शुरू किया। 1980 और 1990 के दशक में PKK और तुर्की सेना के बीच भारी संघर्ष हुआ, जिसमें हजारों लोग मारे गए। PKK को तुर्किये, अमेरिका, और यूरोपियन यूनियन ने एक आतंकवादी संगठन के रूप में नामित किया है।
आत्म-निर्णय और स्वतंत्रता की मांग
कुर्दों का मुख्य संघर्ष आत्म-निर्णय और स्वतंत्रता के अधिकार के लिए है। तुर्किये सरकार ने कई बार PKK और कुर्द नेताओं के साथ शांति वार्ता की कोशिश की, लेकिन ये वार्ताएं असफल रही हैं। कुर्द अपनी सांस्कृतिक पहचान और स्वतंत्रता की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे हैं, जबकि तुर्किये का कहना है कि उसकी संप्रभुता और सुरक्षा से समझौता नहीं किया जा सकता।
सीरियाई संकट और कुर्द
2011 में सीरिया में गृहयुद्ध शुरू हुआ, जिसने कुर्द-तुर्की संघर्ष को और बढ़ा दिया। सीरिया के कुर्दों ने युद्ध के दौरान अपनी स्वायत्तता हासिल की और उत्तरपूर्वी सीरिया में एक स्वशासी क्षेत्र बना लिया। तुर्किये को यह चिंता है कि सीरियाई कुर्दों की सफलता से उसके कुर्द भी और आत्मविश्वास प्राप्त करेंगे और तुर्किये के भीतर विद्रोह को बढ़ावा देंगे।
तुर्किये की रणनीति
तुर्किये सरकार कुर्द विद्रोहियों को नियंत्रित करने के लिए कई सैन्य अभियान चला चुकी है। तुर्की सेना ने कई बार उत्तरी इराक और सीरिया में कुर्द ठिकानों पर हमले किए हैं, क्योंकि PKK और अन्य कुर्दिश संगठनों के सदस्य इन क्षेत्रों में सक्रिय हैं। तुर्की सरकार का मानना है कि कुर्द आतंकवादी संगठन तुर्की की संप्रभुता के लिए खतरा हैं और इनका दमन आवश्यक है।
मौजूदा स्थिति
कुर्द-तुर्क संघर्ष आज भी समाप्त नहीं हुआ है। तुर्किये के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगान ने कुर्द विद्रोहियों के खिलाफ अपनी कड़ी नीति जारी रखी है। दूसरी ओर, कुर्द समुदाय अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहा है। कुर्द-तुर्क संघर्ष में हजारों लोग मारे जा चुके हैं और लाखों लोग विस्थापित हो चुके हैं। कुर्दों की राजनीतिक मांगें और तुर्किये की संप्रभुता की सुरक्षा के बीच संघर्ष का समाधान फिलहाल कठिन दिखाई देता है। PKK की गतिविधियों और तुर्किये के सैन्य अभियानों के बीच टकराव जारी है।
कुर्दों का संघर्ष एक जटिल ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, और राजनीतिक संघर्ष है, जो तुर्किये, इराक, सीरिया, और ईरान के साथ उनके संबंधों से प्रभावित है। तुर्किये के साथ उनका संघर्ष मुख्य रूप से पहचान, अधिकार, और स्वतंत्रता की मांग से संबंधित है। इस संघर्ष के समाधान के लिए राजनीतिक और कूटनीतिक प्रयास जारी हैं, लेकिन वर्तमान में कोई स्थायी समाधान नजर नहीं आता।