डेस्क:महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा गठबंधन वाली महायुति ऐतिहासिक जीत के साथ सरकार बनाने जा रही है। अकेले भाजपा को 133 सीट मिली। चुनाव में “वोट जिहाद” के मुद्दे ने खूब चर्चा बटोरी। मौलाना सज्जाद नोमानी ने भाजपा का समर्थन करने वाले मुसलमानों का मजाक उड़ाते हुए उन्हें अपना नाम धनश्याम रखने की सलाह दी थी। अब चुनाव नतीजों के बाद नोमानी ने बिना शर्त माफी मांगी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर जारी पत्र में कहा कि उनका मकसद किसी समुदाय विशेष को निशाना बनाना या फतवा जारी करना नहीं था।
लखनऊ के रहने वाले और मुस्लिम समुदाय में अपना खासा प्रभाव रखने वाले मौलाना सज्जाद नोमानी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान विवादित फतवा जारी किया था। उन्होंने कहा कि भाजपा का समर्थन करने वाले मुसलमानों को इस्लाम के दायरे से बाहर किया जाना चाहिए। वीडियो में नोमानी ने कथित तौर पर भाजपा का समर्थन करने वाले मुस्लिमों का मजाक उड़ाते हुए कहा कि उन्हें अपना नाम बदलकर ‘घनश्याम’ रख लेना चाहिए, जो समुदाय से उनके बहिष्कार का संकेत है।
अब चुनाव नतीजों के बाद नोमानी का एक पत्र सामने आया है। जिसमें उन्होंने उस विवादित बयान पर माफी मांगी है। पत्र के माध्यम से उनका कहना है कि कि भाजपा का समर्थन करने वाले मुसलमानों के बहिष्कार के बारे में टिप्पणी कई लोगों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में की गई थी कि लोगों को लोकसभा चुनाव में वोट देने के उनके मौलिक अधिकार से वंचित किया जा रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनके शब्द उन व्यक्तियों के लिए थे, न कि व्यापक मुस्लिम समुदाय के लिए।
नोमानी ने आगे कहा, “मेरा बयान महाराष्ट्र चुनाव से बहुत पहले सितंबर 2024 में दिया गया था और इसे चुनाव के संदर्भ में नहीं देखा जाना चाहिए। इसका कभी भी किसी समुदाय पर हमला करने का इरादा नहीं था, न ही इसका कोई फतवा जारी करना था। अपने पत्र में नोमानी ने बिना शर्त माफ़ी भी मांगी है। उन्होंने कहा, “अगर मेरे बयान से किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची है, तो मैं अपने शब्द वापस लेता हूं और बिना शर्त माफ़ी मांगता हूं। मैंने हमेशा सच्चाई और न्याय के लिए लड़ाई लड़ी है और आम आदमी को नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी व्यक्ति का विरोध किया है, चाहे वे मुस्लिम हों या कोई और।”