उज्जैन:मध्यप्रदेश के उज्जैन में राजाधिराज भगवान महाकाल की नगरी में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की तैयारी शुरू हो गई है। भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव महाकाल मंदिर और द्वारकाधीश गोपाल मंदिर में 19 अगस्त शुक्रवार को मनाया जाएगा। भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व मनाया जाता है। भगवान के जन्म उत्सव को मनाने के लिए तैयारी शुरू हो गई है। भगवान महाकाल के आंगन और बड़े गोपाल मंदिर पर जन्माष्टमी का पर्व 19 अगस्त शुक्रवार को मनाया जाएगा। इसके अलावा श्री कृष्ण की शिक्षा स्थली सांदीपनि आश्रम में 18 अगस्त गुरुवार को रात में भगवान का अभिषेक पूजन कर आरती की जाएगी। वहीं शुक्रवार को नंद उत्सव का आयोजन होगा।
उज्जैन के द्वारकाधीश का यह प्रसिद्ध मंदिर नगर का दूसरा सबसे बड़ा मंदिर है। मंदिर का निर्माण संवत 1901 में कराया था, जिसमें मूर्ति की स्थापना संवत 1909 में की गई थी। सन 1844 में मंदिर का निर्माण और 1852 में मूर्ति की स्थापना हुई। दौलतराव सिंधिया की पत्नी बायजा बाई द्वारा करवाया गया था। मंदिर के गर्भगृह में लगा रत्न जड़ित द्वार दौलतराव सिंधिया ने गजनी से प्राप्त किया था, जो सोमनाथ की लूट में वहाँ पहुँच गया था। मंदिर का शिखर सफ़ेद संगमरमर तथा शेष मंदिर सुन्दर काले पत्थरों से निर्मित है। मंदिर का
प्रांगण और परिक्रमा पथ भव्य और विशाल है। जन्माष्टमी यहाँ का विशेष पर्व है। ‘बैकुंठ चौदस’ के दिन महाकाल की सवारी हरिहर मिलन हेतु मध्य रात्रि में यहाँ आती है तथा भस्म आरती के समय गोपाल कृष्ण की सवारी महाकालेश्वर जाती है और वहाँ तुलसी का दल अर्पित किया जाता है। द्वारकाधीश गोपाल मंदिर’ में भगवान द्वारकाधीश,शंकर पार्वती और गरुड़ भगवान की मूर्तियाँ हैं। ये मूर्तियाँ अचल है और एक कोने में बायजा बाई की भी मूर्ति है। यहाँ ‘जन्माष्टमी’ के अलावा ‘हरिहर का पर्व’ बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। हरिहर के समय भगवान महाकाल की सवारी रात बारह बजे आती है, तब यहाँ हरिहर मिलन विष्णु और शिव का मिलन होता है।
सांदीपनि आश्रम जहां भगवान कृष्ण ने महर्षि सांदीपनि गुरु से 64 कला सीखी थीं। उस स्थान पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव मनाया जाएगा। रात में गोपाल जी का अभिषेक-पूजन कर रात 12 बजे भगवान की महाआरती की जाएगी और 19 अगस्त शुक्रवार को नंद महोत्सव का आयोजन होगा। इधर इस्कॉन मंदिर में भी 19 अगस्त को लड्डू गोपाल जी का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। मंदिरों में जन्मोत्सव भव्य रूप से मनाने की तैयारी शुरू हो गई है। पुजारी रूपम व्यास ने बताया भाद्रपद कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि 18 अगस्त को श्री कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा। इस दिन मंदिर में आकर्षक विद्युत एवं फूलों से सज्जा की जाएगी।
महाकाल मंदिर के पुजारी आशीष गुरू ने बताया कि 19 अगस्त को महाकाल मंदिर के नैवेद्य कक्ष में संध्या पूजन आरती के बाद भगवान लड्डू गोपाल का पूजन-अर्चन कर भोग लगाया जाएगा। महाकाल मंदिर में शुक्रवार को ही जन्माष्टमी पर्व रहेगा।
द्वारकाधीश गोपाल मंदिर के पुजारी श्री राम पाठक ने बताया कि मंदिर में संध्या के समय पवमान पूजन होगा। माता यशोदा की झांकी सजेगी। रात्रि में पट खुलेंगे और आरती होगी। गोपाल मंदिर पर जन्माष्टमी पर्व के बाद 23 अगस्त को ब्रज बारस पर भगवान द्वारकाधीश के दरबार में मटकी फोड़ कार्यक्रम का आयोजन होगा। इस दिन दोपहर 12 बजे दही की मटकी फोड़ी जाएगी।