रोशनी का पर्व दीपावली हर्षोल्लास के साथ सोमवार को मनाया जाएगा। ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि 24 अक्तूबर की ही शाम 528 बजे से अमावस्या तिथि लग जाएगी, जो 25 अक्तूबर की शाम 419 बजे तक रहेगी। क्योंकि 25 अक्तूबर को प्रदोष काल से पहले अमावस्या समाप्त हो जाएगी। इसलिए 24 अक्तूबर को ही दीपावली मनाई जाएगी। कार्तिक कृष्ण अमावस्या को दीपावली मनाई जाती है।
ज्योतिषाचार्य आनंद दुबे ने बताया कि 23 अक्तूबर की शाम 0604 बजे से चतुर्दशी तिथि प्रारंभ होगी, जो 24 की शाम 5:28 बजे तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार 24 अक्तूबर को नरक चतुर्दशी मनाई जाएगी। कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को 24 अक्तूबर को नरक चतुर्दशी और रूप चतुर्दशी (रूप निखारने का पर्व) के पर्व के रूप में मनाया जाएगा। रूप चतुर्दशी के दिन सूर्योदय के पूर्व उठकर तिल के तेल से मलिश करके स्नान करना चाहिए। उसके बाद भगवान श्रीकृष्ण के निमित्त दीपक जलाकर लंबी उम्र और आरोग्य की प्रार्थना करें। अपनी समृद्धि के प्रार्थना करें। शाम को महालक्ष्मी और कुबेर के निर्मित दीपक प्रज्जवलित कर उनके मंत्रों का जाप और आर्थिक समृद्धि की प्रार्थना करें।