जयपुर:राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिन पायलट पर जवाबी हमला बोला है। सीएम गहलोत ने कहा- ‘पेपर आउट होने वाले छात्रों को मुआवज़े की मांग हो रही है, बताइए क्या यह मांग पूरी हो सकती है क्या’ ?, ऐसी मांग करना मानसिक दिवालियापन है’। सचिन पायलट के अल्टीमेटम के 6 दिन पहले सीएम अशोक गहलोत ने उन्हें जवाब दे दिया है। सचिन पालयट ने अपनी तीन मांगे पूरी करने के लिए सीएम गहलोत के 15 दिन का समय दिया था। पायलट ने पेपर लीक पीड़ितों के मुआवजा देने, आरपीएससी का पुनर्गठन करने और वसुंधरा सरकार के कथित घोटालों की जांच कराने की मांग की थी। पायलट की मांगों के संबंध में प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि मांगों का जवाब सीएम गहलोत ही देंगे। मैं संगठन की मांगों पर जवाब दे सकता हूं। रंधावा ने के बयान के 5 घंटे बाद ही सीएम गहलोत ने पायलट को उनकी मांगों का जवाब दे दिया है। सचिन पायलट ने मांगे पूरी नहीं होने पर 1 जून से प्रदेश भर में आंदोलन की घोषणा की थी। सचिन पायलट के अगले कदम पर सभी की निगाहें है।
जयपुर के सिंधी कैंप बस स्टैंड पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गहलोत ने कहा कि बीजेपी वाले मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं, पेपर में 26 लाख अभ्यर्थी परीक्षा में बैठे थे। अब उन्हें मुआवजा दिया जाए, इस तरह की मांग बुद्धि का दिवालियापन नहीं तो क्या है ? मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि सरकार ने बड़े स्तर पर रीट की परीक्षा कराई। उस परीक्षा में 26 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों ने भाग लिया. लोगों ने बढ़-चढ़कर कोरोना में जिस तरह से लोगों की मदद की उस तरह से इन अभ्यार्थियों की खाने पीने की व्यवस्था में सरकार का साथ दिया।हालांकि, सीएम गहलोत ने सचिन पायलट का नाम नहीं लिया है, लेकिन इशारा पायलट की तरफ ही माना जा रहा है। गहलोत ने कहा कि सरकार ने अभ्यार्थियों के लिए निःशुल्क बसों की व्यवस्था की, लेकिन इस बीच पेपर आउट हो गया. विपक्ष वालों ने इसे मुद्दा बनाया और कहा कि पेपर आउट हो गया, लेकिन उन्होंने यह नहीं देखा कि जहां पर बीजेपी की सरकार है गुजरात और उत्तर प्रदेश में वहां पर 15 और 22 बार पेपर आउट हो चुके हैं. उन्हें तो सिर्फ हंगामा करना है. हमारी सरकार ने पेपर लीक करने वाले 200 लोगों को जेल में डाला है, अब बीजेपी वाले मांग कर रहे हैं कि पेपर लीक प्रभावित अभ्यर्थियों को मुआवजा दिया जाए. अब बात समझ से परे है कि 26 लाख अभ्यार्थियों को कैसे मुआवजा दिया जाए ?. इस तरह की मांग पूरी करना संभव है क्या ? इस तरह की मांग बुद्धि का दिवालियापन नहीं तो क्या है ?
सचिन पायलट की मांगों पर सीएम अशोक गहलोत ने चुप्पी साधे हुए थे। लेकिन सुखजिंदर सिंह रंधावा के बयान के बाद सीएम अशोक गहलोत ने सचिन पायलट को जवाब दे दिया है। प्रदेश प्रभारी रंधावा ने आज जयपुर में मीडिया से बात करते हुए कहा कि पायलट की मांगों का वह जवाब नहीं दे सकेत हैं। क्योंकि वह सिर्फ संगठन देखते है। सचिन पायलट की मांगे सरकार से जुड़ी हुई है। ऐसे में सीएम अशोक गहलोत ही जवाब देंगे।