• Latest
  • Trending
  • All
  • बिजनेस
शगुन में 101, 201, 501 रुपये क्यों देते हैं?

शगुन में 101, 201, 501 रुपये क्यों देते हैं?

April 28, 2022
प्रधानमंत्री

कटरा से प्रधानमंत्री का ऐलान: आतंक के आगे नहीं झुकेगा भारत

June 6, 2025
दिल्ली में बांग्लादेशी घुसपैठ का खुलासा, फर्जी दस्तावेज बनाकर ले रहे थे सरकारी लाभ

अवैध प्रवासियों पर दिल्ली पुलिस का बड़ा अभियान

June 6, 2025
थरूर

पाकिस्तान की नियुक्ति औपचारिक भर: थरूर

June 6, 2025
पीएम मोदी ने किया विश्व के सबसे ऊंचे रेल पुल का उद्घाटन

पीएम मोदी ने किया विश्व के सबसे ऊंचे रेल पुल का उद्घाटन

June 6, 2025
स्वर्ण मंदिर में खालिस्तान समर्थक नारे, अमृतसर में हाई अलर्ट

स्वर्ण मंदिर में खालिस्तान समर्थक नारे, अमृतसर में हाई अलर्ट

June 6, 2025
रेपो रेट में 0.50% कटौती, आम आदमी को राहत

रेपो रेट में 0.50% कटौती, आम आदमी को राहत

June 6, 2025
आरसीबी के जश्न में गईं 11 जानें, पुलिस थी विरोध में!

आरसीबी जश्न भगदड़: 11 की मौत, विपणन प्रमुख समेत 4 गिरफ़्तार

June 6, 2025
घोटाला

कोटा बैंक घोटाला: अफसर ने उड़ाए 4.58 करोड़

June 6, 2025
जनगणना

जनगणना 2027: पहली बार पूरे देश में जातिगत आंकड़े

June 6, 2025
कोविड

देश में कोविड फिर सिर उठा रहा है, मामलों में बढ़ोतरी

June 6, 2025
मदरसे में मासूम छात्रा से मौलाना ने किया था रेप, 10 साल की सजा

घर में नौकरानी बनाकर करता रहा दुष्कर्म, भाईयों ने भी ठुकराया

June 6, 2025
कोर्ट

हौती विद्रोहियों को हथियार पहुंचाने वाला पाकिस्तानी दोषी करार

June 6, 2025
  • About
  • Advertise
  • Privacy & Policy
  • Contact
Friday, June 6, 2025
  • Login
ON THE DOT
  • मुख्य समाचार
  • देश
    • राज्य-शहर
  • विदेश
  • बिजनेस
  • मनोरंजन
  • जीवंत
  • ENGLISH
No Result
View All Result
ON THE DOT
  • मुख्य समाचार
  • देश
    • राज्य-शहर
  • विदेश
  • बिजनेस
  • मनोरंजन
  • जीवंत
  • ENGLISH
No Result
View All Result
ON THE DOT
No Result
View All Result
Home आराधना-साधना

शगुन में 101, 201, 501 रुपये क्यों देते हैं?

ON THE DOT TEAM by ON THE DOT TEAM
April 28, 2022
in आराधना-साधना
Reading Time: 1 min read
A A
0
शगुन में 101, 201, 501 रुपये क्यों देते हैं?

नई दिल्ली:हमारे देश में मांगलिक कार्यक्रमों में शगुन का लिफाफा देने की परंपरा है। शादी-ब्याह हो या मुंह दिखाई, गृह प्रवेश हो या कोई अन्य कार्यक्रम, लोग अक्सर शगुन के तौर पर मेजबान को कुछ रुपये देकर जाते हैं। आपने नोटिस किया होगा कि शगुन में हमेशा 51, 101, 201, 501 रुपये ही दिए जाते हैं। यानी कि 50, 100, 200, 500 रुपये नहीं दिए जाते, बल्कि इनमें एक रुपया बढ़ाकर शगुन दिया जाता है। आखिर शगुन की राशि में इस एक रुपये का महत्व क्या है? क्यों शगुन में 100, 200, 500 रुपये के बजाय 101, 201 या 501 रुपये दिए जाते हैं? आइए जानते हैं इसके पीछे की वजह।

जीरो यानी शून्य को अंतिम माना जाता है। यानी कि किसी भी रकम में अगर शून्य जुड़ जाए तो वह अंतिम हो जाती है। माना जाता है कि अगर शून्य के आधार पर शगुन दिया जाए, तो सामने वाले के रिश्ते पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। वहीं, एक को संख्या की नई शुरुआत के रूप में माना जाता है। इसलिए शगुन देते वक्त राशि में एक रुपये को तरजीह दी जाती है।

गणितीय तौर पर देखा जाए तो 50, 100, 500, 1000 जैसी संख्या विभाज्य होती है। वहीं 101, 1001 जैसी संख्या अभाज्य होती हैं। यानी कि उन्हें विभाजित नहीं किया जा सकता है। शगुन एक तरह का आशीर्वाद होता है जो एक व्यक्ति अपने किसी प्रिय को देता है। हम अपने आशीर्वाद को विभाजित नहीं करना चाहते हैं, इसलिए शगुन 101 रुपये का दिया जाता है।

जैसे कि ऊपर बताया गया है कि एक शून्य को अंत और एक को आरंभ माना जाता है। इसलिए शगुन में एक रुपये को निरंतरता का प्रतीक माना जाता है। 100 एक अंत राशि है, वहीं उसमें एक रुपया जोड़ दिया जाए तो 101 बन जाता है और वह एक प्रारंभ राशि बन जाती है। माना जाता है कि शगुन देने वाले और प्राप्त करने वाले के बीच गहरे संबंध बने रहते हैं। उनका रिश्ता निरंतर चलता रहता है।

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Trending News

  • 2024 में खुलेंगे राम मंदिर के दरवाजे, 1000 साल तक कायम रहेगी भव्यता

    2024 में खुलेंगे राम मंदिर के दरवाजे, 1000 साल तक कायम रहेगी भव्यता

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • रामनवमी से पहले ही राम लला का सूर्याभिषेक देख भक्त हुए निहाल

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • स्वामी चिदम्बरानन्द महाराज के अवतरण महोत्सव व सिवा ट्रस्ट वार्षिकोत्सव का आयोजन

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • 24 अगस्त से फिर शुरू हो रही है रामायण सर्किट रेल यात्रा

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • भारत से विभाजन के समय पाकिस्तान में थे 20 फीसदी हिंदू, धर्मांतरण और उत्पीड़न के बाद अब कितने बचे

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • बैलेंसिंग लाइफ ही जिंदगी को खुशहाल बना सकती है: रचना हिरण

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • मुख्य समाचार
  • देश
  • विदेश
  • बिजनेस
  • मनोरंजन
  • जीवंत
  • ENGLISH
Call us: +91 98330 26960
No Result
View All Result
  • मुख्य समाचार
  • देश
    • राज्य-शहर
  • विदेश
  • बिजनेस
  • मनोरंजन
  • जीवंत
  • ENGLISH

Copyright © 2020 ON THE DOT

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In