टोक्यो:क्वाड देशों की शिखर बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन सख्त संदेश देते हुए कहा कि क्वाड एक अच्छाई की ताकत के लिए बनाया गया संगठन है। उन्होंने कहा कि यह संगठन हिंद प्रशांत क्षेत्र को बेहतर बना रहा है। COVID-19 चुनौतियों के बावजूद क्वाड का दायरा व्यापक होने पर बोलते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान सहित सदस्य देशों का आपसी विश्वास और दृढ़ संकल्प लोकतांत्रिक शक्तियों को नई ऊर्जा और उत्साह दे रहा है।
अपनी जापान यात्रा के दूसरे दिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार की सुबह क्वाड समिट में हिस्सा लिया। इस दौरान जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने उनका स्वागत किया। यग क्वाड नेताओं की दूसरी व्यक्तिगत बैठक है।
क्वाड लीडर्स समिट से पहले अपने उद्घाटन भाषण में, पीएम मोदी ने कहा, “क्वाड ने इतने कम समय में दुनिया के सामने अपने लिए एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया है। आज, क्वाड का दायरा व्यापक हो गया है, इसका रूप प्रभावी है। हमारा आपसी विश्वास, और हमारा संकल्प लोकतांत्रिक शक्तियों को नई ऊर्जा और उत्साह दे रहा है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि क्वाड हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए एक रचनात्मक एजेंडे के साथ आगे बढ़ रहा है, जो वैश्विक ‘‘भलाई की दिशा में काम करने वाली एक ताकत’’ के रूप में उसकी छवि को और मजबूत बनाएगा। मोदी ने यह टिप्पणी अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और ऑस्ट्रेलिया के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीस की मौजूदगी में की।
उन्होंने कहा, “हमने टीका वितरण, जलवायु कार्रवाई, आपूर्ति श्रृंखला को लचीला बनाने, आपदा प्रतिक्रिया, आर्थिक सहयोग और कोविड-19 महामारी से उत्पन्न प्रतिकूल परिस्थितियों से निपटने की दिशा में समन्वय बढ़ाया है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि क्वाड देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता की स्थापना में योगदान दे रहा है।
क्वाड समिट में उठा यूक्रेन का मुद्दा
वहीं यूक्रेन युद्ध का मुद्दा उठाते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मंगलवार को टोक्यो में देशों के क्वाड समूह की बैठक में कहा कि यूक्रेन में संकट एक वैश्विक मुद्दा है, क्षेत्रीय नहीं। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ एक यूरोपीय मुद्दे से अधिक है। यह एक वैश्विक मुद्दा है।”
चीन को सख्त संदेश
यह सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है, जब चीन और क्वाड के सदस्य देशों के बीच संबंध पिछले कुछ समय में तनावपूर्ण हुए हैं। इसकी वजह बीजिंग का लोकतांत्रिक मूल्यों को लगातार चुनौती देना और आक्रामक व्यापारिक नीतियां अपनाना है। बाइडन ने क्षेत्र को लेकर अपनी दीर्घकालिक दृष्टि के अनुरूप सोमवार को ‘समृद्धि के लिए हिंद-प्रशांत आर्थिक प्रारूप’ (आईपीईएफ) पेश किया, जिसका मकसद स्वच्छ ऊर्जा, आपूर्ति श्रृंखला को लचीला बनाने और डिजिटल व्यापार जैसे क्षेत्रों में समान विचारधारा वाले देशों के बीच गहन सहयोग को बढ़ावा देना है।
आईपीईएफ की शुरुआत से जुड़े कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आईपीईएफ की घोषणा हिंद-प्रशांत क्षेत्र को वैश्विक आर्थिक विकास का इंजन बनाने की सामूहिक इच्छा की घोषणा है। उन्होंने हिंद-प्रशांत क्षेत्र की आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए साझा और रचनात्मक समाधान खोजने का भी आह्वान किया।