नई दिल्ली:जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ हफ्तों में टारगेट किलिंग की घटनाओं के बाद केंद्र की मोदी सरकार सख्त कदम उठा सकती है। केंद्र शासित प्रदेश के मौजूदा हालात को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों के साथ हाई लेवल बैठक करने वाले हैं।
इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल भी शामिल होंगे। केंद्र सरकार अपने सख्त कदमों के साथ कश्मीर के अल्पसंख्यक समुदाय को यह बताने का प्रयास करेगी कि वह राज्य में सुरक्षित हैं और उन्हें पाकिस्तानी आतंकियों की ओर से कोई खतरा नहीं है।
माना जा रहा है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कल जम्मू-कश्मीर की समीक्षा के दौरान नागरिक और पुलिस प्रशासन दोनों को ठोस निर्देश देंगे। इस बैठक में अजीत डोभाल के अलावा जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, इंटेलिजेंस के टॉप अधिकारी, मुख्य सचिव और डीजीपी शामिल होंगे।
टारगेट किलिंग के पीछे लश्कर या फिर जैश
जम्मू-कश्मीर पुलिस का मानना है कि कुलगाम में बैंक मैनेजर विजय कुमार सहित अल्पसंख्यक समुदाय की टारगेट किलिंग में पाकिस्तान के लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का हाथ है। वहीं, सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कश्मीर में टारगेट किलिंग के पीछे पाकिस्तान से संचालित जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का मॉड्यूल है।
शाह के साथ मीटिंग में इस बात पर रहेगा फोकस
जम्मू-कश्मीर पुलिस विजय कुमार और टीचर रजनी बाला के हत्यारों का पता लगाने की कोशिश कर रही है, लेकिन गृह मंत्री की बड़ी बैठक का फोकस इस बात पर होगा कि अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर से अधिक दूर की पोस्टिंग नहीं की जाए ताकि उनको जिहादी उनको निशाना न बना पाएं।
जिहादियों की एक बड़ी योजना का हिस्सा
यह बिल्कुल साफ हो चुका है कि जम्मू-कश्मीर में हाल की टारगेट किलिंग की घटना जिहादियों की एक बड़ी योजना का हिस्सा है ताकि अल्पसंख्यक समुदाय के लोग केंद्र शासित प्रदेश से बाहर रहे और साथ में केंद्र सरकार पर भी दबाव बनाया जाए। कुछ रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि घाटी में टारगेट किलिंग के बाद कश्मीरी हिंदू वहां से पलायन करना शुरू कर दिए हैं।