नई दिल्ली:दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं। आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक को सोमवार को एक के बाद एक दो झटके लगे। पहले सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की याचिका पर तुरंत सुनवाई से इनकार करते हुए मामले को 29 अप्रैल तक टाल दिया तो करीब आधे घंटे बाद ही राउज एवेन्यू कोर्ट ने उनकी हिरासत अवधि बढ़ा दी। केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 23 अप्रैल तक बढ़ा दी गई है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री को कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। एक अप्रैल को कोर्ट ने उन्हें 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। सोमवार को उन्हें वर्चुअल माध्यम से स्पेशल जज कावेरी बावेजा की कोर्ट में पेश किया गया। अदालत ने उनकी न्यायिक हिरासत 23 अप्रैल तक बढ़ा दी। कोर्ट से यह फैसला ऐसे समय पर आया जब कुछ ही मिनट पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में भी संक्षिप्त सुनवाई हुई।
सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की अर्जी पर जल्द सुनवाई से इनकार करते हुए मामले को 29 अप्रैल को शुरू होने वाले सप्ताह में सूचीबद्ध करने को कहा। केजरीवाल के यह इसलिए भी बड़ा झटका है क्योंकि 19 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण के मतदान होने जा रहा है और आम आदमी पार्टी के मुखिया प्रचार अभियान में हिस्सा नहीं ले पा रहे हैं।
केजरीवाल को कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया गया है। ईडी का आरोप है कि केजरीवाल इस घोटाले के सरगना हैं। जांच एजेंसी का आरोप है कि केजरीवाल सरकार ने 2021-22 की आबकारी नीति में गलत तरीके से शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाया और बदले में रिश्वत ली। ईडी का दावा है कि रिश्वत की रकम का इस्तेमाल गोवा विधानसभा चुनाव में किया गया। हालांकि, आम आदमी पार्टी और दिल्ली सरकार की ओर से हर बार इन आरोपों को झूठा बताया गया है। आम आदमी पार्टी की दलील है कि केजरीवाल के ‘अच्छे कामों’ को रोकने के लिए भाजपा की अगुआई वाली केंद्र सरकार उनके बड़े नेताओं को झूठे मुकदमों में फंसा रही है।
केजरीवाल से पहले इसी केस में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और राज्यसभा सांसद संजय सिंह भी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। संजय सिंह को हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है। सिसोदिया एक साल से अधिक समय से जेल में बंद हैं।