मुंबई। लोकसभा चुनाव के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दावा किया है कि उनकी पार्टी पिछली बार के मुकाबले ज्यादा सीट जीतने जा रही है। यह पहला मौका है जब शिंदे और उद्धव ठाकरे के बीच लोकसभा के लिए चुनावी लड़ाई हो रही है। शिंदे ने कहा कि वे पार्टी कार्यकर्ताओं से कह चुके हैं कि ज्यादा आत्मविश्वास में न रहें, हर वोट और सीट के लिए मेहनत करें। मोदी जी ने भी कहा है कि ओवर कॉन्फिडेंस ठीक नहीं है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा है कि उनके नेतृत्व वाली शिवसेना पार्टी के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा को आगे बढ़ा रही है। द इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में शिंदे ने कहा कि अगर उद्धव ठाकरे सीएम रहते हुए काम करते और कार्यकर्ताओं के साथ खड़े रहते तो सेना कभी नहीं टूटती। जून 2022 में बगावत के बाद एकनाथ शिंदे पहली बार उद्धव के खिलाफ चुनाव लड़ाई लड़ रहे हैं। शिंदे की पार्टी 15 में से 13 में सीधे चुनाव लड़ रही है, शिंदे ने विश्वास जताया कि महायुति गठबंधन (भाजपा, अजीत पवार की एनसीपी और शिंदे की शिवसेना) पिछली बार से ज्यादा सीटें जीतेंगे।
कम मतदान पर एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा गया है कि वे आत्मसंतुष्ट और अति-आत्मविश्वास में न रहें और प्रत्येक वोट और सीट के लिए कड़ी मेहनत करें। मोदीजी ने भी कहा है कि अति-आत्मविश्वास में न रहें। उठो और पहले वोट डालने जाओ। लोग मोदीजी को सुनते हैं।”
लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के लिए शिंदे ने जमकर प्रचार अभियान में हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी को चुनाव आयोग से शिवसेना का मूल चिह्न मिला है औऱ वे बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा को आगे बढ़ा रहे हैं। इस साल जून में सीएम पद पर रहते हुए शिंदे को दो साल हो जाएंगे। उन्होंने कहा, “बालासाहेब को जो मंजूर नहीं था उसे वे(उद्धव ठाकरे) आगे बढ़ा रहे हैं। उनकी विचारधारा ऐसी बदल गई है कि वे सावरकर को नहीं बल्कि औरंगजेब को चाहते हैं।”
उद्धव पर कटाक्ष
उन्होंने सेना के दूसरे गुट के प्रमुख उद्धव पर कटाक्ष करते हुए कहा, “हम बेकार नहीं बैठे हैं। आप घर बैठकर राज्य नहीं चला सकते। आपको मैदान पर रहना होगा। लोग किसे वोट देंगे, काम करने वाले को या घर पर बैठने वाले को और काम में बाधा डालने वाले को?”
मराठा आरक्षण पर शिंदे
एकनाथ शिंदे ने कहा कि हमने मराठा समुदाय को पहले ही आरक्षण दे दिया है और लोग इसका फायदा भी उठा रहे हैं। जब विपक्ष को इसका एहसास हो रहा है कि वे चुनाव हार रहे हैं तो उन्होंने चुनाव प्रचार में यह कहना शुरू कर दिया है कि संविधान बदल दिया जाएगा। शिंदे ने कहा कि ये विपक्ष द्वारा बनाए जा रहे मुद्दे हैं क्योंकि उनके पास कोई मुद्दा नहीं है।