कोटा: राजस्थान कोटा में पुलिस ने ब्लाइंड मर्डर का खुलासा किया है। शहर के रेलवे कॉलोनी थाना इलाके में तीन दिन पहले हुई रेलवे कर्मचारी शंभूलाल की हत्या के मामले का खुलासा हो गया है। मामले में कुल 5 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। एक बाल अपचारी को पुलिस ने निरूद्ध किया है। इस मामले में मास्टरमाइंड मृतक रेलवे कर्मचारी की पत्नी ही है, जिसने अपने प्रेमी और भाई के साथ मिलकर ही पति की हत्या करवाई थी। इसको लेकर उसने तीन हत्यारों को पांच लाख की सुपारी दी थी। एसपी डॉ. दुहन का कहना है कि मनीष कोई काम धाम नहीं करता था। वहीं मंजू यह चाहती थी कि उसे अनुकंपा नियुक्ति मिल जाए। इसके साथ ही वह अपने आशिक रेशु के साथ भी रह सकती थी। इस मामले में शंभू दयाल ने कुछ दिन पहले 8 लाख रुपए का लोन भी लिया था। यह भी उसकी हत्या के बाद माफ हो जाता, वहीं उसकी हत्या के बाद जो राशि मिलती। वह भी उनके काम आ जाती। इन सब लालच के चलते ही मंजू और मनीष ने यह पूरी योजना बनाकर शंभू दयाल की हत्या करवाई है।
शहर पुलिस अधीक्षक डॉ. अमृता दुहन ने बताया कि रेलवे कॉलोनी में रहने वाले 35 वर्षीय शंभू लाल की 29 मई की रात को गला रेत कर हत्या की गई थी।ष यह पूरी तरह से ब्लाइंड मर्डर था. इसमें मास्टर माइंड शंभू लाल की पत्नी मंजू और उसका साला मनीष निकला। सामने आया है कि मंजू अपने पति शंभू दयाल से परेशान थी। वह इंद्रगढ़ निवासी अपने प्रेमी रेशु से लगातार संपर्क में थी। इसीलिए उसने सुपारी देकर हत्या करवाई है।
मंजू अपने पति शंभू लाल से परेशान थी। वह अपने प्रेमी रेशु के सम्पर्क में रही है। मंजू का भाई मनीष भी पूरी तरह से अपने जीजा शंभू दयाल पर ही आश्रित था, वह काम धंधा नहीं करता था। अपनी बहन और जीजा के साथ रेलवे कॉलोनी के क्वार्टर में ही रहता था। ऐसे में मंजू ने पहले अपने प्रेमी रेशु के साथ मिलकर उसे मारने की योजना बनाई थी। इसके लिए उसने करीब 15 दिन पहले इंद्रगढ़ से सल्फास भी मंगवाया था। हालांकि इसमें वह सफल नहीं हो पाई थी। इसके बाद उसने मनीष के साथ मिलकर उसने 5 लाख रुपए की सुपारी दी थी।
मंजू का भाई मनीष डीसीएम में आता जाता था. ऐसे में उसने डीसीएम इलाके के बदमाश मोनू, फरदीन और एक नाबालिग से अपने जीजा की हत्या की योजना बनाई। घटना के कुछ दिन पहले उन्हें घर बुलाकर जीजा की पहचान कराई। इस मामले में 6800 रुपए बतौर पेशगी भी दिए। यह हत्या की सुपारी मंजू और मनीष ने 5 लाख में तय की थी। घटना के दिन मंजू ने पहले से ही घर का दरवाजा खोल कर रखा था और 29 मई की देर रात 2:30 बजे बदमाश घर में प्रवेश कर जाते हैं। इसके बाद शंभू दयाल के गले पर चाकू से वार कर उसकी हत्या कर मौके से फरार हो जाते हैं। इस मामले में तकनीकी अनुसंधान के साथ-साथ गहनता से जब मंजू से पूछताछ की गई तब पूरे मामले का खुलासा हुआ है।