नई दिल्ली:केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा हाल ही में घोषित ‘अग्निपथ’ योजना को लेकर देश के अधिकांश हिस्सों में बवाल हो रहा है। बिहार में सबसे ज्यादा असर देखने को मिल रहा है। कल मोतिहारी स्टेशन पर एक ट्रेन को प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया। विरोध कर रहे युवा इस नई भर्ती स्कीम को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। हालांकि, केंद्र सरकार ने भी अपनी मंशा साफ कर दी है। कल देर शाम अधिकमत उम्र की सीमा को सिर्फ इस साल के लिए 21 से 23 करने का निर्णय तो लिया गया, लेकिन इसे वापस लेने की संभावनाओं को सिरे से खारिज कर दिया गया।
इस योजना को लागू करने के लिए केंद्र सरकार ने तैयारी भी शुरू कर दी है। कई विभागों और राज्यों की सरकारों का भी सहयोग मिल रहा है। इन्होंने सरकारी नौकरी में अग्निवीरों को प्राथमिकता देने की बात कही है। इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) और राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय संस्थान (एनआईओएस) ने स्पेशल कोर्स शुरू करने की घोषणा की है। इग्नू ने उनके लिए स्नातक कोर्स और एनआईओएस ने 12वीं के लिए विशेष पाठ्यक्रम शुरू करने का ऐलान किया है।
शिक्षा मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, इग्नू द्वारा तैयार और निष्पादित किए जाने वाले कार्यक्रम के तहत स्नातक उपाधि के लिए आवश्यक 50 प्रतिशत क्रेडिट कौशल प्रशिक्षण से मिलेगा, जिसमें अग्निवीर द्वारा प्राप्त तकनीकी और गैर-तकनीकी दोनों प्रशिक्षण शामिल हैं।
शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह अग्निवीरों के लिए पर्याप्त शैक्षिक योग्यता और कौशल प्राप्त करने की दिशा में लाभकारी साबित होगा। इसके माध्यम से वे सामाजिक जीवन में उत्पादक की भूमिका निभा सकेंगे। एनआईओएस का यह विशेष कार्यक्रम नामांकन, पाठ्यक्रमों का विकास, छात्र सहायता, स्व-शिक्षण सामग्री, अध्ययन केंद्रों की मान्यता, व्यक्तिगत संपर्क, मूल्यांकन और प्रमाणन की सुविधा प्रदान करेगा।
पहले साल तीन फीसदी अग्निवीर सेनाओं में होंगे
सेनाओं में चार साल के लिए अस्थाई सैनिकों अग्निवीर की नियुक्ति के बीच रक्षा मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि पहले साल सेनाओं में कुल तीन फीसदी अग्निवीर नियुक्त किए जाएंगे। भविष्य में किसी भी समय में अग्निवीरों की संख्या सेनाओं की कुल संख्या के 50 फीसदी से ज्यादा नहीं होगी। यानी सेनाओं में 50 फीसदी तक अग्निवीर जवान नियुक्त किये जा सकेंगे।
रक्षा मंत्रालय की तरफ से गुरुवार को अग्निपथ योजना को लेकर बारम्बार पूछे जाने वाले प्रश्न (एफएक्यू) जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि सेना में नौजवान और अनुभवी जवानों का समावेश किया जाएगा जो अधिकतम 50 फीसदी तक रहेगा। हालांकि पहले वर्ष तीनों सेनाओं में अग्निवीरों की महज तीन फीसदी नियुक्ति होगी।
मंत्रालय ने कहा कि अग्निपथ योजना से सेनाओं में भर्तियों के मौके कम नहीं होंगे बल्कि मौजूदा भर्तियों की तुलना में तीन गुना ज्यादा नौजवानों को भर्ती होने का मौका मिलेगा। इस प्रकार युवाओं के लिए सैन्य बलों में जाने के मौके बढ़ेंगे। इसमें कहा गया है कि सेना के रेजिमेंट सिस्टम में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है। बल्कि अग्निवीरों को यथासंभव सामंजस्य बिठाकर यूनिटों में तैनात किया जाएगा।
भविष्य को लेकर लगाई जा रही अटकलों को सरकार ने किया खारिज
सरकार ने कहा कि चार साल के बाद अग्निवीरों के भविष्य को लेकर लगाई जा रही अटकलों को भी पूरी तरह से खारिज किया है। इसमें कहा गया है कि अग्निवीरों को अर्धसैनिक बलों, राज्य पुलिस बलों में नौकरियों में प्राथमिकता दी जाएगी। साथ जो अग्निवीर अपना उद्यम शुरू करना चाहते हैं, उन्हें इसके लिए बैंक ऋण तथा वित्तीय पैकेज प्रदान किया जाएगा। उन्हें 12वीं पास और ब्रिज कोर्स का का प्रमाण पत्र दिया जाएगा जिससे उनके सामने आगे अपनी पढ़ाई जारी रखने का विकल्प भी होगा।