मुनिश्री अर्हत कुमार जी के सानिध्य में तेरापंथ सभा भवन गांधीनगर में पर्वधिराज पर्युषण महापर्व के पांचवे दिन अणुव्रत चेतना दिवस के रूप में आयोजित हुआ | मुनिश्री ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा अति भोग वादी संस्कृति ने व्यक्ति को हिंसा के कागार पर ले जाकर खड़ा किया है। मनुष्य ने अपनी सुविधा के लिए जिन साधनों का अविश्कार किया है वही साधन उसे समस्या के चक्रव्यूह में फसाते जा रहे हैं। व्यक्ति की आवश्यकताए दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। पदार्थ सीमित है इच्छा असीम। यदि इच्छा के साथ पदार्थ भी असीम होते तो कोई समस्या पैदा नही होती। आज आवश्यकता है। युगीन समस्याओं को शिथिल करने के बजाय अत्यधिक प्रोत्साहित कर रहे है।
मुनिश्री ने आगे कहा भारत जब आजाद हुआ लोगो ने सोचा जब हम स्वतंत्रता की श्वास लेगें। किन्तु यह सोच व्यक्ति के लिए मात्र स्वप्न बन कर रह गया। उस समय आचार्य श्री तुलसी ने अणुव्रत का शंख नाद फुंका व छोटे छोटे नियमों के द्वारा व्यक्ति के रूपान्तरण की बात कही। उन्होंने कहा आदमी और कुछ बने या नही बने पहले “गुड मैन” बनें। इसलिए एक नारा दिया- पहले इन्सान, इन्सान फिर हिन्दू या मुसलमान। आज देश में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। अनैतिकता ने मानो द्रोपदी के चीर की भांति अपना विद्रुप रूप फैला रखा है। आज भाई-भाई पर विश्वास नहीं करता है। ऐसे समय में व्यक्ति यदि अणुव्रतों के नियम समझकर अपने जीवन में उतारे तो अशान्त जगत में शान्ति को प्राप्त कर सकता है। एवं युगिन समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सकता है।
मुनि भरत कुमार जी ने कालचक्र का वर्णन करते हुए भव परंपरा से गुजरते भगवान महावीर का जीवन दर्शन को स्पर्श किया | मुनि जयदीप कुमार ने गजसुकुमाल मुनि के जीवन पर प्रकाश डाला |
तेरापंथ सभा पदाधिकारियों द्वारा मंगलाचरण किया गया | टी पी एफ राष्ट्रीय महामंत्री हिम्मत मांडोत, अणुव्रत समिति राष्ट्रीय संगठन मंत्री कन्हैयालालजी चिप्पड़ , अणुव्रत समिति बैंगलोर मंत्री माणकचंदजी संचेती , बद्रीलालजी पितलिया , सह मंत्री विनय बैद ने आगामी 27 अक्टूबर को गुरुदेव दर्शनार्थ जाने वाले संघ की जानकारी दी | संचालन मंत्री गौतम मांडोत ने किया |