कोलकाता:पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय ने 365 करोड़ रुपये की संपत्ति सीज और जब्त की है। इसके अलावा तीन तृणमूल कांग्रेस विधायक अब तक अरेस्ट हो चुके हैं और एक की भूमिका की जांच हो रही है। ईडी ने शुक्रवार को बयान जारी कर कहा कि अब तक इस घोटाले में 365.6 करोड़ रुपये की जब्ती हुई है। इसके अलावा आगे भी जांच जारी है। ईडी ने कहा कि हमने पहले ही इस मामले में 135 करोड़ रुपये की जब्ती की थी। अब 230 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी नए सिरे से अटैच की है। एजेंसी ने बताया कि अब तक जिन संपत्तियों को जब्त किया गया है, उनमें प्रसन्न कुमार रॉय और शांति प्रसाद सिन्हा की जमीन और फ्लैट शामिल हैं।
आरोप है कि इस मामले में प्रसन्न कुमार रॉय मुख्य बिचौलिये के तौर पर भूमिका अदा की। उन्होंने ही टीचर भर्ती में शामिल होने वाले कैंडिडेट्स से रकम जुटाई थी और उनकी डिटेल हासिल की। उस दौरान शांति प्रसाद सिन्हा पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग के सलाहकार थे। ऐसे में उनकी भूमिका भी संदिग्ध पाई गई और उन्हें भी अरेस्ट किया गया। इस मामले की जांच सीबीआई ने शुरू की थी, जिसे मई 2022 में उच्च न्यायालय ने आदेश दिया था। इसके बाद जब मनी लॉन्ड्रिंग का ऐंगल सामने आया तो फिर ईडी भी जांच से जुड़ गई।
इस मामले में पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी समेत तीन टीएमसी विधायकों को अरेस्ट किया जा चुका है। फिलहाल ये लोग न्यायिक हिरासत में हैं। इनके अलावा रॉय और सिन्हा भी हिरासत में हैं। टीएमसी के सांसद अभिषेक बनर्जी से भी इस मामले में सीबीआई और ईडी दोनों पूछताछ कर चुके हैं। अभिषेक को तलब करना इसलिए भी अहम है क्योंकि वह सीएम ममता बनर्जी के भतीजे हैं। ऐसे में उनके खिलाफ समन जारी किए जाने से राजनीतिक उबाल भी पैदा हुआ था। यही नहीं अभिषेक बनर्जी के पिता अमित बनर्जी और मां लता बनर्जी को भी ईडी ने समन जारी किया था। लेकिन दोनों ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए पेश होने से इनकार कर दिया था।
अभिषेक बनर्जी बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के सबसे छोटे भाई अमित बनर्जी के बेटे हैं। उन्हें टीएमसी में ममता बनर्जी के बाद दूसरे नंबर के नेता के तौर पर देखा जाता है। अभिषेक के अलावा उनकी पत्नी रुजिरा बनर्जी भी एजेंसी के सामने पेश हो चुकी हैं। गौरतलब है कि इसी साल मार्च में ईडी ने बंगाल के टेक्सटाइल मिनिस्टर चंद्रनाथ सिन्हा से भी पूछताछ की थी।