नई दिल्ली:केंद्र सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का स्मारक बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और उसके लिए स्थल चिह्नित करने की प्रक्रिया भी तेज कर दी है। केंद्र सरकार के अधिकारियों ने डॉ. सिंह के परिजनों से संपर्क किया है। ताकि स्मारक स्थल पर अंतिम मुहर लगाया जा सके। सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) के अधिकारियों ने राष्ट्रीय स्मृति स्थल में संजय गांधी के स्मारक के आसपास के स्थलों का निरीक्षण किया और कुछ स्थानों की पहचान की जहां स्मारक बनाया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि सरकार पूर्व प्रधानमंत्री के परिवार के संपर्क में है और स्मारक की जगह के लिए तीन या चार विकल्पों पर चर्चा की है। सूत्रों ने बताया कि अभी तक कोई भी स्थल तय नहीं किया गया है और सब कुछ सिंह के परिवार के परामर्श से किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार पूर्व प्रधानमंत्री के स्मारक के लिए राजघाट, राष्ट्रीय स्मृति स्थल या किसान घाट के पास एक से डेढ़ एकड़ जमीन दी जा सकती है।
संभावना है कि सरकार नेहरू-गांधी परिवार के नेताओं की समाधि के पास ही मनमोहन सिंह का स्मारक बनाने के लिए जमीन आवंटित कर सकती है। इसीलिए अधिकारियों ने राजघाट के आसपास के इलाकों का दौरा किया है। यहां पंडित नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और संजय गांधी की समाधि है। हालांकि, केंद्र सरकार डॉ. सिंह के स्मारक के लिए चयनित भूमि को आवंटित करने से पहले एक न्यास का गठन करेगी।
ट्रस्ट बनने के बाद जमीन आवंटन के लिए आवेदन दिया जाएगा। उसके बाद सरकार उस ट्रस्ट को जमीन आवंटित करेगी। इसके बाद ट्रस्ट और CPWD के बीच एक समझौता ज्ञापन पर दस्तखत होंगे और स्मारक बनाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। सरकार ने स्मारक बनाने के बारे में पूरी प्रक्रिया से पूर्व प्रधानमंत्री के परिवार को अवगत करा दिया है।
भारत में आर्थिक सुधारों के जनक कहे जाने वाले पूर्व वित्त मंत्री और दो बार प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर को निधन हो गया था। वह 92 साल के थे। सिंह का अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर किए जाने को लेकर कांग्रेस ने सरकार की आलोचना की थी। अंतिम संस्कार और स्मारक बनाने को लेकर भाजपा तथा कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चला। सरकार ने पूर्व पीएम के निधन पर सात दिनों राजकीय शोक घोषित किया था।