सरदारशहर, चूरु:सरदारशहर में लगभग 22 दिनों का लम्बा प्रवास कर रहे जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के एकादशमाधिशास्ता, भगवान महावीर के प्रतिनिधि, अहिंसा यात्रा के प्रणेता अपनी जन्मभूमि के कण-कण को पावन बना रहे हैं। प्रतिदिन प्रातः की मंगल बेला में नगर भ्रमण को आचार्यश्री निकलते हैं तो उनके साथ सैंकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं का हुजूम निकल पड़ता है। जिस गली, चौराहे अथवा रास्ते से आचार्यश्री के चरणरज पड़ते हैं मानों उस पर आस्था उमड़ पड़ती है। लोग अपने घरों आदि के आसपास आचार्यश्री से मंगलपाठ का श्रवण करते हैं तथा यथावसर उन्हें पावन पाथेय भी प्राप्त हो जाता है। अपने धरती के लाल के इस अनुग्रह से सरदारशहर का जन-जन लाभान्वित हो रहा है। शनिवार को भी प्रातः आचार्यश्री तेरापंथ भवन से प्रस्थित हुए। अनेकानेक मार्गों, गलियों और चौराहों का भ्रमण करते हुए हजारों श्रद्धालुआंे को अपने दर्शन और आशीर्वाद से पावन बनाते हुए आचार्यश्री महाश्रमणजी सीधे युगप्रधान समवसरण में पधार गए।
उपस्थित जनता को आचार्यश्री ने संक्षिप्त उद्बोधन प्रदान करते हुए कहा कि जैन धर्म में धर्म को उत्कृष्ट मंगल बताया गया है। अहिंसा, संयम और तप धर्म है। धर्म से आत्मा का कल्याण हो सकता है। धर्म से युक्त आदमी का जीवन अच्छा होता है। धर्म से आत्मा का कल्याण हो सकता है। धर्म में रमे हुए आत्मा को देवता भी नमस्कार करते हैं। देवता नमस्कार करें अथवा न करें, आदमी को अपने जीवन को धर्ममय बनाने का प्रयास करना चाहिए। जीवन में धर्म होता है तो शांति की प्राप्ति हो सकती है और शक्ति की भी प्राप्ति हो सकती है। जीवन को शांतिमय और शक्तिमय बनाना है तो जीवन में धर्म होना चाहिए। अहिंसा, संयम और तप के द्वारा जीवन को धर्म से युक्त बनाने का प्रयास करना चाहिए। धर्म की जितनी साधना हो सके, आदमी को करने का प्रयास करना चाहिए। धर्मयुक्त जीवन से शांति और शक्ति के साथ-साथ आगे की गति भी अच्छी हो सकती है। इसलिए जीवन को धर्म से युक्त बनाने का प्रयास करना चाहिए।
आचार्यश्री आज संक्षिप्त उद्बोधन के साथ ही तेरापंथ भवन की ओर पधार गए, किन्तु आचार्यश्री के अनुग्रह से आकंठ तक तृप्त हो रहे सरदारशहरवासियों की भावाभिव्यक्ति आज भी अनवरत जारी रही है। संसारपक्ष में आचार्यश्री के परिवार से संबद्ध श्रीमती प्रियंका दूगड़, श्रीमती प्रतिभा दूगड़, श्रीमती निधि दूगड़, बालक चिन्मय दूगड़, बालिका सौम्या नाहटा व डॉ. कुसुम लूणिया ने अपनी आस्थासिक्त अभिव्यक्ति दी। संगायक श्री कमल सेठिया, श्रीमती सुनीता बांठिया व श्रीमती कोकिला कुण्डलिया ने गीत का संगान किया।
विश्वस्तरीय ‘महाप्रज्ञ दर्शन’ म्यूजियम का उद्घाटन 8 मई को
आठ मई को मेगा हाइवे पर स्थित तेरापंथ धर्मसंघ के दशमाधिशास्ता आचार्य महाप्रज्ञजी के समाधिस्थल ‘अध्यात्म का शांतिपीठ’ पर नवनिर्मित विश्वस्तरीय ‘महाप्रज्ञ दर्शन’ म्यूजियम का तेरापंथ धर्मसंघ के वर्तमान अनुशास्ता आचार्यश्री महाश्रमणजी के मंगल सान्निध्य में भव्य उद्घाटन किया जाएगा। अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित इस म्यूजियम में महाप्रज्ञ रोबोटिक्स, जैन दर्शन टच पैनल, अहिंसा यात्रा फ्लिपबुक, मोशन सेंसर फ्लावर, 180 डिग्री फिल्म, जीवन विज्ञान गेम्स आदि मुख्य आकर्षण रहेंगे।
सरदारशहर के मिडियाकर्मियों ने किए ज्योतिचरण के दर्शन, मिला पावन पाथेय
शनिवार को दोपहर में चूरू जिले के सरदारशहर से संबद्ध विभिन्न समाचार पत्रों, चैनलों आदि के बीस से अधिक मिडियाकर्मी शांतिदूत आचार्यश्री महाश्रमणजी की मंगल सन्निधि में उपस्थित हुए। आचार्यश्री ने मंगल आशीर्वाद के साथ मिडियाकर्मियों को पावन पाथेय प्रदान करते हुए कहा कि पत्रकारिता में निर्भयता, निष्पक्षता और प्रमाणिकता रहनी चाहिए। लोगों के जीवन को उन्नत बनाने के लिए अन्य सामग्री के साथ धार्मिक, आध्यात्मिक सामग्री भी प्राप्त होती रहे तो अच्छा हो सकता है। इसके साथ स्वयं का जीवन भी अच्छा हो इसके लिए जहां तक संभव हो नशे के सेवन से बचने का प्रयास करना चाहिए। आचार्यश्री के आह्वान पर उपस्थित मिडियाकर्मियों ने नशामुक्ति का संकल्प स्वीकार किया। आचार्यश्री से पावन आशीर्वाद प्राप्त कर मिडियाकर्मी हर्षित नजर आए।