केप टाउन:संयुक्त अरब अमीरात में गुप्ता परिवार के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। इसे दक्षिण अफ्रीका की कंपनियों को लूटने के आरोप में सरगनाओं को पकड़ने की लड़ाई में अब तक का सबसे बड़ा कदम है। दक्षिण अफ्रीका के न्याय मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि राजेश और अतुल गुप्ता को यूएई के कानून-प्रवर्तन अधिकारियों ने हिरासत में लिया और आगे की कार्रवाई पर चर्चा हो रही है।
यूएई की ओर से दक्षिण अफ्रीका के साथ प्रत्यर्पण संधि होने के एक साल बाद ये गिरफ्तारियां हुई हैं। राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा के प्रशासन ने पहले अमीराती अधिकारियों से 2018 में गुप्ता परिवार के सदस्यों के प्रत्यर्पण के लिए कहा था। वहीं, अमेरिका ने अगले वर्ष उन पर वीजा प्रतिबंध से लेकर संपत्ति फ्रीज करने तक पर पाबंदी लगा दी थी। इंटरपोल ने फरवरी में दोनों भाइयों को अपनी मोस्ट-वांटेड लिस्ट में शामिल किया।
‘केवल देश के लोगों के खिलाफ राष्ट्रपति का इस्तेमाल’
दक्षिण अफ्रीका में जांच आयोग ने हालिया रिपोर्ट में कहा था कि गुप्ता बंधुओं ने पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा का इस्तेमाल न केवल देश के लोगों के खिलाफ किया, बल्कि प्रमुख संस्थानों में अपने विश्वस्त लोगों की नियुक्ति के लिए भी किया। रिपोर्ट में अनुसार, जुमा सत्ता पर कब्जा करने की गुप्ता बंधुओं की योजना के केंद्र में थे, जिन्हें बहुत पहले ही ऐसे व्यक्ति के रूप में पहचान लिया गया था, जिसका चरित्र ऐसा था कि उसे दक्षिण अफ्रीका के लोगों के खिलाफ इस्तेमाल किया जा सके।
‘पूर्व राष्ट्रपति जुमा और गुप्ता बंधुओं में थी मिलीभगत’
रिपोर्ट के मुताबिक, गुप्ता बंधुओं ने समझ लिया था कि जुमा को व्यावसायिक हितों की पूर्ति के लिए इस्तेमाल किया जा सकता था। आयोग के अध्यक्ष मुख्य न्यायाधीश रेमंड जोंडो ने रिपोर्ट का चौथा भाग राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा को सौंपा। इसमें कहा गया है, “पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा ने गुप्ता बंधुओं के लिए सरकारी स्वामित्व वाले उद्यमों के दरवाजे खोल दिए थे और दक्षिण अफ्रीका के लोगों की संपत्ति व पैसे तक पहुंच बनाने में उनकी मदद की।”
गुप्ता परिवार का भारत के सहारनपुर से नाता
रिपोर्ट में दावा किया गया कि जुमा वो सारे काम करते थे, जो गुप्ता बंधु उनसे कहते थे। इसमें योग्य मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों को अर्धसरकारी संस्थानों से निकालना शामिल था, ताकि उनके विश्वस्त लोगों को वहां नियुक्त किया जा सके। अजय, अतुल और टोनी गुप्ता भारत के सहारनपुर से 1990 के दशक में पहली बार दक्षिण अफ्रीका पहुंचे थे। उन्होंने जूतों के एक स्टोर से शुरुआत की और कथित तौर पर जुमा के प्रभाव का इस्तेमाल कर सूचना प्रौद्योगिकी, खनन और मीडिया व्यवसाय में अपना साम्राज्य स्थापित किया।