नई दिल्ली: भारतीय टीम ने आखिरी बार आईसीसी का खिताब एमएस धोनी की कप्तानी में साल 2013 में जीता था। इसके बाद 10 साल बीत चुके हैं, लेकिन भारतीय टीम की झोली में एक भी ट्रॉफी नहीं आ सकी है। ओवल के मैदान पर वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में एकबार फिर टीम इंडिया औंधे मुंह गिरी और खिताबी मैच में रोहित की पलटन को ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार झेलनी पड़ी। डब्ल्यूटीसी फाइनल में मिली हार के बाद भारत के पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री को माही की याद आ गई।
शास्त्री को आई धोनी की याद
वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में ऑस्ट्रेलिया के हाथों फाइनल मैच गंवाने के बाद रवि शास्त्री ने कहा कि आईसीसी ट्रॉफी जीतना इतना आसान नहीं है, बल्कि महेंद्र सिंह धोनी ने इसको आसान बना दिया था।” धोनी के कप्तानी छोड़ने के बाद टीम इंडिया चार बार सेमीफाइनल और इतनी ही बार फाइनल में पहुंच चुकी है, लेकिन हर दफा टीम खिताब को अपने नाम करने में नाकाम रही है।
WTC Final में ऑस्ट्रेलिया रही हावी
वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया की टीम पहले दिन से टीम इंडिया पर हावी रही। कंगारू बल्लेबाजों ने पहले रंग जमाया, तो इसके बाद टीम के गेंदबाजों ने भारतीय बैटिंग ऑर्डर को तहस-नहस करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। ऑस्ट्रेलिया से मिले 444 रन के लक्ष्य के जवाब में भारत की पूरी टीम 234 रन बनाकर ऑलआउट हुई।
फेल हुए कोहली-रोहित और पुजारा
भारत की त्रिमूर्ति यानी विराट कोहली, रोहित शर्मा और चेतेश्वर पुजारा डब्ल्यूटीसी फाइनल में बुरी तरह से फ्लॉप रहे। रोहित दोनों पारियों को मिलाकर कुल 56 रन बना सके। वहीं, पुजारा दोनों ही इनिंग में बेहद खराब शॉट खेलकर चलते बने। पहली पारी में सस्ते में पवेलियन लौटने के बाद दूसरी इनिंग में कोहली ने 49 रन बनाए, लेकिन वह अहम समय पर अपना विकेट देकर चलते बने।