मुंबई:भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ओपनर बल्लेबाज गौतम गंभीर ने भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे सफल कप्तान एमएस धोनी पर बड़ा हमला बोला। गंभीर का ये रिएक्शन उन क्रिकेट फैंस की बातों पर है जो सिर्फ और सिर्फ धोनी को ही क्रिकेट का हीरो मानते हैं। गंभीर ने कहा कि फैंस को एमएस धोनी और विराट कोहली से आगे भी सोचना चाहिए काथ ही मीडिया और ब्रॉडकास्टर्स को भी इन दोनों खिलाड़ियों के अलावा अन्य खिलाड़ी को भी तवज्जो देनी चाहिए। हालांकि उन्होंने धोनी का नाम लिए बिना कहा कि पीआर टीम सिर्फ एक क्रिकेटर को 2007 और 2022 वर्ल्ड कप का हीरो बना देती है, लेकिन सच तो यही है कि युवराज सिंह ही असली हीरो थे जिनके दम पर हम फाइनल में पहुंचे थे।
गौतम गंभीर ने न्यूज 18 के साथ बातचीत करते हुए कहा कि हम लगातार सुनते आ रहे हैं कि हमें एक ही खिलाड़ी ने वर्ल्ड कप चैंपियन बनाया और मुझे लगता है कि युवराज सिंह के प्रदर्शन के दम पर ही हमने साल 2007 और 2011 में आईसीसी खिताब जीते थे। वनडे वर्ल्ड कप 2011 में वो प्लेयर ऑफ द सीरीज रहे थे। गंभीर ने कहा कि जब भी हम 2007 टी20 वर्ल्ड कप और 2011 वनडे वर्ल्ड कप की बात करते हैं तो युवराज सिंह का नाम नहीं लेते और ऐसा क्यों है। ये सिर्फ इस वजह से है क्योंकि पीआर और मार्केटिंग के खेल की वजह से सिर्फ एक ही इंसान को बड़ा बताया जाता है और दूसरों को छोटा कहा जाता है।
गौतम गंभीर ने कहाकि कोई भी खिलाड़ी छोटा नहीं है और ये सिर्फ मार्केटिंग और पीआर का खेल है। हमने 2007 और 2011 में पूरी टीम के दम पर खिताब जीते थे, लेकिन बार-बार यही कहा जाता है कि हमें एक ही खिलाड़ी के दम पर जीत मिली थी। कोई एक प्लेयर आपको कभी भी बड़े टूर्नामेंट में जीत नहीं दिला सकता और अगर ऐसा होता तो भारत पांच से 10 वर्ल्ड कप जीत चुका होता। भारत में सिर्फ एक खिलाड़ी को हीरो बना दिया जाता है, लेकिन दूसरे देशों यानी इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड में कोई भी टीम से बड़ा नहीं होता।
भारत में स्टेकहोल्डर्स, ब्रॉडकास्टर, और मीडिया सभी पीआर एजेंसी पर आकर रुक गए हैं और अगर ब्रॉडकास्टर आपको क्रेडिट नहीं देगा तो आप पिछड़ जाएंगे और यही सबसे बड़ा सच है। 1983 वर्ल्ड कप में हम देख चुके हैं कि सिर्फ कपिल देव की बात होती है जबकि सेमीफाइनल और फाइनल में अमरनाथ जी प्लेयर ऑफ द मैच रहे थे, लेकिन कप के साथ सिर्फ कपिल पाजी ही दिखते हैं।