नई दिल्ली:केंद्र सरकार ने 2021-22 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि जमा (PF Interest) पर ब्याज दर में कटौती की घोषणा की है। अब सिर्फ 8.1% ब्याज दर से रिटर्न मिलेगा। कल केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने इसकी मंजूरी दी है। आपको बता दें कि पिछले वर्ष यह दर 8.5 प्रतिशत था। 1977-78 के बाद से कर्मचारियों द्वारा अपने रिटायरमेंट फंड में जमा की गई यह सबसे कम ब्याज दर है। उस वर्ष कर्मचारी भविष्य निधि पर ब्याज दर 8% थी।
कांग्रेस पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने सरकार के इस फैसले के खिलाफ मोदी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने लिखा, ‘घर का पता ‘लोक कल्याण मार्ग’ रख लेने से लोगों का कल्याण नहीं होता। प्रधानमंत्री ने साढ़े 6 करोड़ कर्मचारियों के वर्तमान और उनके भविष्य को बर्बाद करने के लिए ‘महंगाई बढ़ाओ, कमाई घटाओ’ मॉडल को लागू किया है।”
राहुल गांधी के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने लिखा, ‘अपनी करतूतों को देखते हुए खुद साहेब को ‘लोक कल्याण मार्ग’ नाम हज़म नहीं हुआ तभी तो अब अपने लिए हज़ारों करोड़ का ‘मोदी महल’ बनवा रहे हैं।’
EPFO के नियम क्या है?
बता दें कि एक कर्मचारी की बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता को जोड़कर जो राशि बनती है, उसका 12% हिस्सा उसके पीएफ खाते में जमा किया जाता है। कंपनी के 12% कंट्रीब्यूशन में से 3.67% कर्मचारी के पीएफ अकाउंट (EPF) में जाता है और बाकी के 8.33% कर्मचारी पेंशन स्कीम (EPS) में जाता है। बता दें कि कंपनी का योगदान दो हिस्सों में बंटा होता है, एक हिस्सा पेंशन फंड यानी ईपीएस में जाता एवं दूसरा हिस्सा ईपीएफ में जाता है।