मथुरा : बंशीवट क्षेत्र स्थित संकीर्तन भवन में संकीर्तन भवन धार्मिक न्यास ट्रस्ट के द्वारा ब्रह्मलीन स्वामी प्रभुदत्त ब्रह्मचारी महाराज की स्मृति में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में व्यास पीठ से आचार्य गोपाल भैया महाराज ने श्रीगिरिराज पूजन की कथा श्रवण कराई। उन्होंने कहा कि ब्रज चौरासी कोस में गोवर्धन नाथ द्वापर युग से प्रत्यक्ष रूप में विराजमान हैं। यह स्वयं भगवान श्रीकृष्ण के स्वरूप हैं। जो भी भक्त सच्चे मन से गिरिराज गोवर्धन की पूजा अर्चना व सप्तकोसी परिक्रमा करता है, गिर्राज महाराज उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। कथा में गिरिराज लीला का भी मंचन किया गया। साथ ही ठा. बंशीवट बिहारी के समक्ष छप्पन भोग निवेदित कर भोग से संबंधित पदों व भजनों का गायन किया गया। इस अवसर पर महंत फूलडोल बिहारीदास, डा. गोपाल चतुर्वेदी, आरके पांडेय, आचार्य विनय त्रिपाठी, स्वामी देवकीनंदन शर्मा, आचार्य मंगेश दुबे, बिहारीलाल वशिष्ठ, डा. राधाकांत शर्मा व ईश्वरचंद्र रावत आदि थे। कन्हैया की जन्म एवं क्रीड़ाभूमि में शनिवार को पग-पग पर नंदोत्सव के रस की बरसात हुई। लाखों श्रद्धालु आराध्य की शरण में पहुंच महोत्सव के साक्षी बने। इस दौरान राधे राधे, नंद के आनन्द भए जय कन्हैया लाल की, जयश्री कृष्णा के जयघोष से मथुरापुरी की फिजा प्रभुमय हो गई।
ठाकुर द्वारकाधीश में मुखिया सुधीर ने नंद एवं मुखिया राजीव ने यशोदा स्वरूप में उपहार लुटाए। धूमधाम से मनाए गए नन्दोत्सव के बाद ठाकुर जी ने शाम 5 बजे तक दर्शन दिए। प्राचीन केशवदेव मंदिर में चांदी के सिंहासन पर विराजमान भगवान का विधिपूर्वक अभिषेक, श्रृंगार किया। शहनाई बजी। गुब्बारों व फूलों से सजावट हुई। बधाई गायन संग नृत्य हुआ। उपहार लुटाए। प्रसाद बंटा। प्रबंध कमेटी अध्यक्ष सोहनलाल शर्मा, नारायण प्रसाद शर्मा, सुरेश चंद अग्रवाल, मनमोहन सराफ, मुन्नीलाल गोस्वामी, श्यामाचरण गोस्वामी, बिहारी गोस्वामी आदि ने सेवा की। प्राचीन चामुण्डा देवी मंदिर में सेवायत ज्ञानी चतुर्वेदी ने अभिषेक, श्रृंगार, भोग अर्पण, फूल बंगला सज्जा, लाइटिंग आदि सत्कर्म किए। उन्होंने केक काटकर कान्हा के जन्मदिन मनाया। प्राचीन कंकाली मंदिर में पुजारी सुनील कुमार ने अभिषेक, श्रृंगार किया। फूल एवं गुब्बारों से बंगला सजाया। यहां स्थित युगल सरकार मंदिर में उत्सव धूमधाम से मना।
प्राचीन दीर्ध विष्णु मंदिर में दीर्घ विष्णु भगवान एवं पद्मालयी महालक्ष्मी जी का वैदिक विधि से पंचामृत महाभिषेक कर नवीन,पीत वस्त्रत्त् धारण कराए। पुष्प भोग सेवा की। श्री सूक्त, पुरुष सूक्त, विष्णु सूक्त, लक्ष्मी सूक्त, विष्णु सहस्रनाम, लक्ष्मी सहस्रनाम पाठ किए। महंत कान्तानाथ चतुर्वेदी, संयोजक आचार्य बृजेन्द्र नागर, प्रवक्ता रामदास चतुर्वेदी शास्त्रत्त्ी पार्षद, संगठन मंत्री आचार्य मुरलीधर शास्त्रत्त्ी, महासचिव बालकृष्ण चतुर्वेदी, महाप्रबंधक लालकृष्ण चतुर्वेदी आदि ने सेवा की।
रंगेश्वरी महाकाली को शुक्रवार को कृष्ण स्वरूप में सजाया गया। भक्तों ने मां को बांसुरी, मोरपंखी मुकट धारण कराए। भोग लगाकर प्रसाद बांटा। अंतापाड़ा स्थित कृष्ण काली मैया को महंत मनीष शर्मा ने तुषार शर्मा के सहयोग से अभिषेक कर कृष्ण स्वरूप का श्रृंगार किया। चौक बाजार में स्थित प्राचीन दाऊजी मंदिर में सेवायत राकेश कुमार शास्त्रत्त्ी ने भगवान का अभिषेक, श्रृंगार किया। भोग लगाए और पंचामृत व मिष्ठान प्रसाद बांटा और भक्तिभाव से नंदोत्सव मनाया।
प्राचीन गोपीनाथ जी मंदिर में सेवायत भगवत स्वरूप गोस्वामी, जगदीश प्रसाद गोस्वामी, ज्योतिर्विद गौरव गोस्वामी ने दिनेश अग्रवाल, हरी बाबू टांकडा, अरविन्द अग्रवाल, महेश चंद अग्रवाल राया वाले, पुरुषोत्तम अग्रवाल आदि के सहयोग से अभिषेक किया। नवीन वस्त्रत्त् आभूषण धारण कराए। शनिवार को भागवत समापन, 56 भोग दर्शन, भण्डारा आदि कार्यक्रम हुए।