कोलकाता:भाजपा द्वारा खुद पर सवाल उठाए जाने के बाद ममता बनर्जी ने भी भाजपा पर पलटवार किया है। इतना ही नहीं, ममता ने यह भी कहा है कि मुझे रेल मंत्री का इस्तीफा नहीं चाहिए। बस जो सच है वह सामने आना चाहिए। गौरतलब है कि भाजपा के आइटी सेल के मुखिया अमित मालवीय ने आज एक ट्वीट किया है। इसमें उन्होंने एक तस्वीर पोस्ट की है, जिसमें नीतीश कुमार, ममता बनर्जी और लालू यादव के कार्यकाल में हुए रेल हादसों के बारे में लिखा है। इसके साथ अमित मालवीय ने लिखा है, ‘इस्तीफा मांगने वालों का रिपोर्ट कार्ड’।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि कल जब मैंने एंटी कोलिशन वाली बात का जिक्र किया तो रेल मंत्री चुप क्यों थे? दो तरह के बयान आ रहे हैं, दाल में कुछ काला है। मैं चाहती हूं जो सच है वह सामने आए। मुझे रेल मंत्री का इस्तीफा नहीं चाहिए। ममता बनर्जी ने कहा कि मेरे पास एक मैसेज आया। इसमें एक बड़ी लिस्ट थी कि नीतीश, लालू और मेरे समय में कितने लोग मारे गए? क्या कभी इन लोगों ने सोचा कि मैंने अपने समय में रेलवे को कितना आधुनिक किया। ममता बनर्जी ने आगे कहा कि सारी जानकारी गलत है। उन्होंने कहा कि मैं पूछती हूं कि गोधरा में कितने लोग मारे गए थे?
ममता ने आगे कहा कि हम लोगों ने बहुत मेहनत से काम किया है। जितनी भी मेट्रो ट्रेन है हमने हमारे समय में बनाई। मुंबई रेलवे विकास कॉरपोरेशन किसने बनाया था? अपने समय में इसे मैंने बनाया था। अगर मैं नहीं होती तो दिल्ली मेट्रो शुरू ही नहीं होती। उन्होंने बालासोर की घटना पर कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। जिस दिन यह घटना हुई उसी दिन हमने 150 एम्बुलेंस, 50 डॉक्टर, नर्स, बस और आपदा प्रबंधन की टीम दुर्घटनास्थल भेजी। हम ओडिशा सरकार का पूरा सहयोग कर रहे हैं। ममता ने कहा कि बालासोर दुर्घटना से बचकर जो लोग अपने घर आ गए हैं, लेकिन ट्रॉमा में हैं। उन्हें राज्य सरकार 10 हजार रुपए देगी और आने वाले तीन महीने तक प्रति परिवार को 2 हजार रुपए और राहत सामग्री दी जाएगी।
राज्य सरकार मृतक के परिवारों को 5 लाख रुपए, गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों को 1 लाख रुपए देगी, उनका पूरा इलाज कराएगी और 3 महीने तक उनकी सहायता भी करेगी। जिन लोगों को मामूली चोट आई है उन्हें राज्य सरकार 25 हज़ार रुपए देगी। इस दुर्घटना में पश्चिम बंगाल के 62 लोगों की मृत्यु हो गई। यहां 206 लोगों का इलाज चल रहा है। ओडिशा में पश्चिम बंगाल के 73 लोग भर्ती हैं और 56 लोगों को अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया। 182 लोगों की अब तक पहचान नहीं हो पाई है।