पटना:मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि बिहार में आठ से दस पंचायतों पर एक पशु अस्पताल का निर्माण होगा। इसे सात निश्चय-2 में ही डाला गया है, ताकि पशुओं को किसी प्रकार की समस्या न हो। कोई भी पशु इलाज से वंचित नहीं रहे। पशुओं के लिए चिकित्सा सुविधा के साथ-साथ उनके टीकाकरण, कृत्रिम गर्भाधान, कृमिनाशक, डोर स्टेप डिलीवरी आदि कार्यों की व्यवस्था की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को पटना में देश के पहले पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के 889 करोड़ के भवन परिसर की आधारशिला रखने और कार्यारंभ करने के बाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। दशरथ मांझी श्रम एवं नियोजन अध्ययन संस्थान के सभागार में उन्होंने कहा कि हमलोगों का उद्देश्य है कि सही मायने में लोगों का स्वास्थ्य बेहतर हो, स्वभाव बेहतर हो, बिहार का विकास हो। बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय का भवन बेहतर और आकर्षक बनेगा तो जो भी बाहर से आकर देखेंगे वे इससे प्रभावित होंगे।
यहां पढ़ने वाले बेहतर ढंग से पढ़ाई करेंगे। विश्वविद्यालय को किसी प्रकार के सहयोग की जरूरत होगी तो मदद की जाएगी। बिहार का क्षेत्रफल कम है आबादी अधिक है फिर भी विकास के कई कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार तरक्की कर रहा है और आगे भी बढ़ते रहेगा। सीएम ने कहा कि देश में कहीं भी पशुओं का कोई विश्वविद्यालय नहीं था। पशुओं के नाम पर हमलोगों ने बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय बिहार में बनाया है। अब सुन रहे हैं कि कई जगहों पर इस पर काम होने लगा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूसा के राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाया गया, जिसके लिए हमलोगों ने काफी प्रयास किया था। वर्ष 2010 में भागलपुर के सबौर में कृषि विश्वविद्यालय शुरू किया गया। अनेक जगहों पर कई संस्थानों का निर्माण कराया गया। पटना में एक पशु चिकित्सा महाविद्यालय पहले से था, इसके अलावा किशनगंज में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम साहब के नाम पर एक कृषि महाविद्यालय बनाया गया, जिसमें फिशरीज कॉलेज और वेटनरी कॉलेज भी बनाया गया है।
बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के भवनों के निर्माण के अंतर्गत अकादमिक एवं प्रशासनिक भवन, आधुनिक पशु चिकित्सालय एवं पशु प्रजनन केंद्र, किसान प्रशिक्षण केंद्र और छात्र-छात्राओं के लिए हॉस्टल एवं खेल परिसर का निर्माण कराया जाएगा। विश्वविद्यालय के कर्मियों के लिए आवासीय परिसर का निर्माण भी कराया जाएगा, ताकि उन्हें कोई असुविधा नहीं हो।
मौके पर उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि बिहार में सभी क्षेत्रों में विकास हो रहा है और मुख्यमंत्री के नेतृत्व में आगे विकास और तेज होगा। भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि वर्ष 2005 के पहले बिहार में पशु एवं मत्स्य संसाधन पर योजना खर्च मात्र 2.11 करोड़ था, जो अब बढ़कर 4961 करोड़ हो गया है। मौके पर पशु एवं मत्स्य संसाधन के सचिव एन सरवन, भवन निर्माण के सचिव कुमार रवि, विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. रामेश्वर सिंह आदि मौजूद रहे।
कृषि की पढ़ाई के लिए प्रेरित किया
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने छात्र-छात्राओं को कृषि की पढ़ाई करने के लिये प्रेरित किया। पहले कृषि की पढ़ाई के लिये बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं राज्य के बाहर पढ़ने जाते थे। अब राज्य के युवाओं में कृषि के प्रति लगाव बढ़ा है। लड़के-लड़कियों को प्रतिमाह दो हजार की सहायता तथा किताब-कॉपी के खर्च के लिये सालाना छह हजार की मदद सरकार द्वारा की जा रही है। कार्यक्रम के दौरन ही विद्यार्थियों की मांग पर मुख्यमंत्री ने यूजी और पीजी इंटर्नशिप बढ़ाने को लेकर विश्वविद्यालय के कुलपति को निर्देश दिया।
अब मछली बिहार से बाहर भेजी जा रही
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि रोड मैप के कारण राज्य में चावल, गेहूं, मक्का और दूध का उत्पादन बढ़ा है। अंडा उत्पादन लगभग ढाई गुना हो गया है। मांस उत्पादन दोगुना से भी ज्यादा हो गया। मछली उत्पादन का लक्ष्य आठ लाख मीट्रिक टन का रखा था, जिनमें से सात लाख 61 हजार मीट्रिक टन मछली का उत्पादन हो रहा है। बिहार में बाहर से मछली न के बराबर आती है। अब मछली बिहार से बाहर भी भेजी जा रही है। सब्जी का उत्पादन भी बढ़ा है। शराबबंदी के कारण सब्जी की अधिक खपत हो रही है और लोग बेहतर खाना खा रहे हैं। महिलाओं के विकास के लिये कई काम किये गये हैं।
अभी कोरोना से निपटना है, सीएए पर बाद में देखेंगे
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा कोरोना काल के बाद सीएए लागू करने से संबंधित पत्रकारों के प्रश्न पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सबसे बड़ी बात है कि अभी कोरोना के केस बढ़ रहे हैं। हमको कोरोना से लोगों की रक्षा करने की ज्यादा चिंता है। सीएए को लेकर नीति की बात होगी तो उसको अलग से देखेंगे। हमें बाकी चीजों को अभी देखा नहीं है।