नई दिल्ली : ऑस्ट्रेलिया ने भारत को विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में 209 रनों से हरा दिया है। पैट कमिंस के नेतृत्व वाली ऑस्ट्रेलिया की टीम विश्व टेस्ट चैंपियन जीतने वाली दूसरी टीम बन गई है। इससे पहले भारत डब्ल्यूटीसी फाइनल के पहले संस्करण में न्यूजीलैंड से 8 विकेट से हारा था। लगातार दूसरी बार भारत विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचकर खिताब से चूक गया है, जबकि 10 साल बाद आईसीसी ट्रॉफी जीतने का सपना भी चकनाचूर हो गया है। ऑस्ट्रेलिया ने भारत को जीत के लिए फाइनल के चौथे दिन 444 रनों का लक्ष्य दिया था लेकिन भारत को अच्छी शुरुआत मिलने के बावजूद अनुभवी बल्लेबाजों द्वारा गैरजिम्मेदाराना शॉट खेलकर आउट होने के कारण खिताबी मुकाबला गंवाना पड़ा। भारतीय टीम दूसरी पारी में 63.3 ओवर में सभी विकेट खोकर 234 रन ही बना सकी।
विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में भारत ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। ओवल में पिच पर घास थी और ओवरकास्ट कंडीशन की वजह से भारत ने चार तेज गेंदबाजों के साथ उतरने का फैसला किया, जबकि आर अश्विन को मौका नहीं दिया। ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी को ऑलआउट करने में भारत के गेंदबाजों को करीब पांच सेशन लगे, जिसके कारण ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 469 रनों का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया। इसके जवाब में भारतीय टीम पहली पारी में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर सकी और 296 के स्कोर पर ही पूरी टीम सिमट गई। भारत के शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों ने काफी निराश किया।
ऑस्ट्रेलिया को भारत को पहली पारी में जल्दी ऑलआउट करने का फायदा मिला। टीम को 173 रनों की बढ़त मिली। दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया ने बड़ा स्कोर बनाने की कोशिश की लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने कसी हुई गेंदबाजी की, जिसके कारण ऑस्ट्रेलिया को दूसरी पारी में 84 ओवर खेलने के लिए मजबूर होना पड़ा। ऑस्ट्रेलिया ने दूसरी पारी 8 विकेट पर 270 पर घोषित की। जिससे उसे 443 रनों की विशाल बढ़त मिली।
ऑस्ट्रेलिया ने चौथे दिन दूसरे सेशन में भारत को बल्लेबाजी के लिए बुलाया और जीत के लिए विश्व रिकॉर्ड 444 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने मैच के चौथे दिन के स्टंप तक तीन विकेट पर 164 रन बना लिए थे। मैच के आखिरी दिन विराट कोहली और अजिंक्य रहाणे पर जीत का दारोमदार था लेकिन पहले सेशन के शुरुआती ओवर में ही विराट कोहली और रविंद्र जडेजा स्कॉट बौलैंड के ओवर में ही पवेलियन लौट गए, जिससे भारत की जीत की उम्मीदें खत्म हो गई। विराट कोहली ने दूसरी पारी में सबसे ज्यादा 49 रन बनाए। रहाणे 46 रन बनाकर आउट हुए। भरत 23 रन पर पवेलियन लौटे। मोहम्मद शमी 13 रन बनाकर नाबाद रहे।
इससे पहले भारतीय कप्तान रोहित शर्मा (नाबाद 22) और शुभमन गिल (18) ने कमिंस और स्कॉट बोलैंड का आत्मविश्वास से सामना किया था। चौथे दिन चाय से ठीक पहले बोलैंड की उछालभरी गेंद पर गिल ने गली ने कैमरन ग्रीन को कैच थमा दिया। ग्रीन ने डाइव लगाकर कैच लपका हालांकि रिप्ले से जाहिर था कि यह काफी करीबी मामला था क्योंकि गेंद जमीन के काफी करीब थी। रोहित ने स्टार्क की दूसरी गेंद पर फाइन लेग में छक्का लगाया। लेकिन नाथन लियोन ने 20वें ओवर में रोहित को पगबाधा आउट करके भारत को दूसरा झटका दिया। रोहित ने डीआरएस भी लिया लेकिन फैसला गेंदबाज के पक्ष में रहा। इसके बाद कमिंस की गेंद पर पुजारा एक गैर पारंपरिक शॉट खेलकर विकेट के पीछे कैच थमा बैठे।
भारतीय टीम 2013 में आईसीसी ट्रॉफी जीतने में कामयाब हुई थी। इसके बाद से लगातार कई टूर्नामेंट में टीम फाइनल या नॉकआउट चरण तक पहुंचने में कामयाब हुई है लेकिन हर बार भारतीय फैंस को निराशा लगी है।